नई दिल्ली, 08 नवंबर . दिल्ली के राऊज एवेन्यू कोर्ट ने 1984 के सिख विरोधी दंगे के दौरान सरस्वती विहार के एक मामले में पूर्व कांग्रेस नेता सज्जन कुमार के खिलाफ दर्ज मामले पर फैसला सुरक्षित रख लिया है. स्पेशल जज कावेरी बावेजा 29 नवंबर को फैसला सुनाने का आदेश दिया.
इससे पहले 16 दिसंबर 2021 को सज्जन कुमार ने इस मामले में खुद को निर्दोष बताते हुए ट्रायल का सामना करने की बात कही थी. 4 दिसंबर, 2021 को कोर्ट ने सज्जन कुमार के खिलाफ आरोप तय करने का आदेश दिया था. यह मामला 1 नवंबर 1984 का है, जिसमें पश्चिमी दिल्ली के राज नगर में सरदार जसवंत सिंह और सरदार तरुण दीप सिंह की हत्या कर दी गई थी. शाम को करीब चार-साढ़े चार बजे दंगाइयों की भीड़ ने पीड़ितों के राज नगर इलाके स्थित घर पर लोहे के सरियों और लाठियों से हमला कर दिया. शिकायतकर्ताओं के मुताबिक इस भीड़ का नेतृत्व सज्जन कुमार कर रहे थे, जो उस समय बाहरी दिल्ली लोकसभा सीट से कांग्रेस के सांसद थे.
शिकायत के मुताबिक सज्जन कुमार ने भीड़ को हमला करने के लिए उकसाया, जिसके बाद भीड़ ने सरदार जसवंत सिंह और सरदार तरुण दीप सिंह को जिंदा जला दिया. भीड़ ने पीड़ितों के घर में तोड़फोड़, लूटपाट और आगजनी को अंजाम दिया. शिकायतकर्ता की ओर से तत्कालीन रंगनाथ मिश्रा की अध्यक्षता वाली जांच आयोग के समक्ष दिए गए हलफनामे के आधार पर उत्तरी जिले के सरस्वती विहार थाने में एफआईआर दर्ज की गई. एफआईआर में भारतीय दंड संहिता की धारा 147,148,149,395,397,302,307, 436 और 440 की धाराओं के तहत आरोप लगाए गए.
/संजय
/ सुनीत निगम
You may also like
Weekly Lucky Zodiac Sign , 11 to 17 November 2024 : बुधादित्य राजयोग से सिंह, तुला समेत 5 राशियों के लोग बनेंगे धनवान, अचानक होगा धन लाभ, पढें साप्ताहिक लकी राशिफल
एशिया-प्रशांत क्षेत्र ऑफिस मार्केट में भारत शीर्ष पर, सितंबर तिमाही में मांग में हिस्सेदारी 70 प्रतिशत रही
महाकुंभ : ऐप पर मिलेगी गंदे शौचालय की जानकारी, चंद मिनटों में होगी सफाई
महाअघाड़ी की गाड़ी में न पहिए हैं और न ब्रेक, ड्राइवर के लिए हो रहा है झगड़ा : धुले में बोले पीएम मोदी
सतपाल शर्मा ने कहा, 'अनुच्छेद 370 इतिहास का हिस्सा बन चुका है, वापस नहीं आएगा', उमर अब्दुल्ला पर कसा तंज