उदयपुर: कैंसर के उपचार में आ रहे नवाचार और इसके बढ़ते कारणों पर विचार के लिए अमेरिकन इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेस में शनिवार से दो दिवसीय राष्ट्रीय कैंसर कांफ्रेंस शुरू हुई. इस सम्मेलन में देशभर के 200 से अधिक प्रमुख कैंसर विशेषज्ञ शामिल हुए.
कांफ्रेंस में अहमदाबाद के डॉ. शिरीश आलोरकर ने महिलाओं में होने वाले बच्चेदानी के मुंह के कैंसर के बारे में बताया, जिसमें ग्रामीण महिलाओं में इस प्रकार के कैंसर की अधिकता का उल्लेख किया गया. उन्होंने सटीक इलाज की तकनीक और समय पर पूर्व जांच की प्रक्रिया पर जोर दिया.
अहमदाबाद की डॉ. मोना शाह ने अंडाशय के कैंसर पर चर्चा की और इलाज के लिए एड केंउ स्टेप तकनीक पर प्रकाश डाला. मुंबई के टाटा मेमोरियल हॉस्पिटल के डॉ. सलाखा जोशी ने ब्रेस्ट कैंसर के विभिन्न स्टेजों पर जानकारी दी, जिसमें उन्होंने बताया कि ऑपरेशन में स्तन को पूरी तरह हटाने की बजाय आंशिक हटाने का विकल्प उपलब्ध है.
कांफ्रेंस में डॉ. चिराग देसाई ने ब्रेस्ट कैंसर के लिए एंटी बॉडी ड्रग कॉज्यूगेट से इलाज की नवीनतम विधियों के बारे में बताया. दिल्ली की चारू गर्ग ने रेडिएशन के लाभ और जीबीएच कैंसर हॉस्पिटल में स्थापित टोमोथैरेपी रेडिएशन मशीन की जानकारी साझा की.
कार्यक्रम का उद्घाटन डॉ. नरेंद्र राठौड़, डॉ. संदीप जसूजा, और पद्म श्री विजेता डॉ. पंकज शाह जैसे विशेषज्ञों द्वारा दीप प्रज्ज्वलन के साथ किया गया. संचालन का कार्य डॉ. प्रिया जैन और डॉ. मनन सरूपरिया ने किया.
कांफ्रेंस के सफल आयोजन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले प्रमुख सदस्यों में डॉ. ममता लोढ़ा, डॉ. कुरेश बंबोरा, और डॉ. रोहित रेबेलो शामिल थे.
यह कांफ्रेंस कैंसर के उपचार में नवीनतम तकनीकों और शोध के साझा अनुभवों के लिए एक महत्वपूर्ण मंच साबित हो रही है.
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