जयपुर, 13 नवंबर . रेलवे ट्रैक पर मोबाइल फ़ोन अथवा कैमरा से रील बनाना भी क़ानूनन अपराध है इस प्रकार के मामलों में रेलवे द्वारा सख़्त कार्रवाई की जाती हैं.
रेलवे के सीपीआरओ कैप्टन शशि किरण ने बुधवार बताया कि साेमवार सायं करीब चार बजे जयपुर मंडल के कनकपुरा-धानक्या रेलवे स्टेशनों के मध्य सड़क से एसयूवी गाड़ी के ड्राइवर ने जानबूझकर एसयूवी को रेलवे ट्रैक पर चढ़ा दिया और रेलवे ट्रैक को अनाधिकृत रूप से पार करने की कोशिश की लेकिन एसयूवी रेलवे ट्रैक के मध्य फंस गई. इस दौरान एक मालगाड़ी आ रही थी जिसके लोको पायलट ने देखा कि एक एसयूवी रेलवे ट्रैक पर फंसी हुई है, ऐसा देखकर उसने सतर्कता दिखाते हुए मालगाड़ी को निश्चित दूरी पर रोक लिया और वॉकी-टॉकी के माध्यम से संबंधित रेल कर्मचारियों को सूचना दी.
रेलवे सुरक्षा बल को सूचना मिलते ही वह मौक़े पर पहुंचे तो एसयूवी का ड्राइवर गाड़ी को जैसे-तैसे रेलवे ट्रैक से निकाल कर भाग गया और पीछा करने पर लगभग 4 किलोमीटर दूरी पर गाड़ी को छोड़कर भाग गया. इस संबंध में रेलवे सुरक्षा बल द्वारा रेल अधिनियम की धारा 153, 174, 147 के अंतर्गत मुकदमा दर्ज कर गाड़ी ज़ब्त कर ली एवं आरोपित की पहचान कर ली गई है तथा नियमानुसार कानूनी कार्यवाही की जा रही है. रेल अधिनियम की धारा 153 के तहत 5 वर्ष तक की सजा का प्रावधान है. धारा 147 व 174 के अन्तर्गत सजा व जुर्माना अथवा दोनों का प्रावधान है.
सभी सड़क उपयोगकर्ताओं से अपील है कि वह निर्धारित मार्ग से ही रेलवे ट्रैक को पार करें. गैरकानूनी रूप से व अनाधिकृत स्थानों से रेलवे ट्रैक को पार करना अथवा किसी भी प्रकार का स्टंट करना रेलवे अधिनियम के तहत दण्डनीय अपराध है, जिसके अंतर्गत सजा या जुर्माना अथवा दोनों हो सकता है. इसके साथ ही गैर कानूनी रूप से रेलवे ट्रैक को पार करना जानलेवा भी हो सकता है, यह जानबूझकर अपनी जान जोखिम में डालना है.
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/ राजीव
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