कोलकाता, 11 नवंबर . पश्चिम बंगाल के सिताई विधानसभा उपचुनाव में तृणमूल उम्मीदवार संगीता राय के नामांकन को लेकर हाईकोर्ट में दाखिल जनहित याचिका खारिज हो गई. याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया था कि संगीता राय अनुसूचित जाति की नहीं हैं, बावजूद इसके उन्होंने जाति प्रमाणपत्र प्रस्तुत कर जानकारी छिपाई है. हालांकि, कोलकाता हाईकोर्ट ने इस मामले में हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया, जिससे संगीता राय के चुनाव लड़ने का रास्ता साफ हो गया है.
संगीत राय को तृणमूल कांग्रेस ने सिताई विधानसभा उपचुनाव में उम्मीदवार बनाया है. राज्य में आगामी 13 नवंबर को छह विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होने हैं. संगीता ने चुनाव आयोग में अपना नामांकन पत्र और शपथपत्र जमा किया था. इसके बाद विपक्षी दलों, विशेषकर कांग्रेस और वाम दलों ने उनके जाति प्रमाणपत्र की वैधता पर सवाल उठाते हुए आरोप लगाया कि उन्होंने अपने शपथपत्र में जातिगत जानकारी छुपाई है. विपक्ष ने इस संबंध में चुनाव आयोग का रुख भी किया था, लेकिन आयोग ने कोई कार्रवाई नहीं की, जिसके बाद यह मामला हाईकोर्ट पहुंचा.
याचिकाकर्ता और वकील सायन बनर्जी ने अदालत से अपील की थी कि संगीता राय का नामांकन रद्द किया जाए क्योंकि उन्होंने अनुसूचित जाति का झूठा प्रमाणपत्र जमा किया है. लेकिन मुख्य न्यायाधीश टीएस शिवज्ञानम और न्यायमूर्ति हीरण्मय भट्टाचार्य की खंडपीठ ने स्पष्ट कर दिया कि अदालत इस मामले में हस्तक्षेप नहीं करेगी और याचिका को खारिज कर दिया.
उल्लेखनीय है कि सिताई सीट पर 2021 में तृणमूल के जगीशचंद्र बर्मन ने जीत हासिल की थी. इस साल उन्हें कूचबिहार लोकसभा सीट से उम्मीदवार बनाया गया और उनकी जीत के बाद सिताई विधानसभा सीट खाली हो गई, जिसके कारण उपचुनाव हो रहे हैं. तृणमूल ने यहां संगीता राय को उम्मीदवार बनाया है, जबकि कांग्रेस से हरीहर राय और वाम दलों की ओर से फॉरवर्ड ब्लॉक के अरुणकुमार बर्मन और भाजपा से दीपक राय चुनावी मैदान में हैं.
/ ओम पराशर
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