धमतरी, 2 नवंबर . शहर से लेकर अंचल में दो नवंबर को गोवर्धन पूजन का पर्व उत्साह के साथ मनाया गया. इस अवसर पर गौरा-गौरी की शोभायात्रा निकाली गई. जिसमें लोगों का उत्साह देखते ही बना. इस त्योहार में परंपरानुसार भगवान शिव-पार्वती के विवाह की रस्में निभाई गई. पारंपरिक वाद्य यंत्रों की मधुर धुन के बीच पर्व की खुशियां दोगुनी हो गई. लोगों ने ईश्वर की आराधना कर परिवार की सुख समृद्धि की कामना की.
धमतरी शहर के सोरिद वार्ड, जालमपुर वार्ड, कोष्टापारा वार्ड, पोस्टआफिस वार्ड, जोधापुर वार्ड सहित विभिन्न वार्डों व शहर से लगे ग्राम अर्जुनी, तेलीनसत्ती, देमार सहित अन्य गांवों में गौरा गौरी पर्व की धूम रही. तीन दिनों तक चलने वाले इस त्योहार की शुरुआत नरक चौदस की रात में फूल कुचरने से हुई. इसके बाद कार्तिक अमावस्या की सुबह मोहल्लेवासी बाजे गाजे के साथ समूह में खेत या पवित्र स्थान से मिट्टी लेने गए. मिट्टी लाने के बाद बाद पूजा स्थल में (गौरा) भगवान शंकर व पार्वती (गौरी) के साथ नंदी, भीमसेन आदि की आकर्षक प्रतिमाएं बनाई गई. रात में दोनों प्रतिमाओं के साथ भगवान शंकर व पार्वती के विवाह की रस्में निभाई गई. इस दौरान शिव जी की बारात भी निकाली गई. पारंपरिक वाद्य यंत्रों की मधुर धुन में लोग खूब थिरके. उत्सव की शुरुआत नरक चौदस हो गई. पूजा स्थल को गौरा चौरा कहा जाता है. इसी पूजा स्थल पर रात में फूल कुचरने की परंपरा हुई. दूसरे दिन बाजे गाजे के साथ जाकर खेत से मिट्टी लाई गई. विवाह की रस्में निभाई गई. गौरा गौरी की शोभायात्रा निकली. नाचते-गाते सभी तालाब पहुंचे, फिर पूजा-अर्चना की गई. पश्चात तालाब में गौरा-गौरी की मूर्ति का विसर्जन किया गया. पूजा स्थल के पास गौरा-गौरी का विवाह देखने लोग रात से लेकर अलसुबह तक डटे रहे. सुबह तालाब में मूर्तियों का विसर्जन किया गया.
/ रोशन सिन्हा