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महंगाई की चोट के खिलाफ हेमंत ने दिया मंईयां सम्मान : कल्पना सोरेन

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एसएस+प्लस टू गोला हाई स्कूल मैदान में ममता के समर्थन में हुई चुनावी जनसभा

रामगढ़, 16 नवंबर . झारखंड राज्य को बने 24 साल हो गए हैं. भाजपा ने ना तो यहां गरीबों की सुध ली और ना ही महिलाओं को सशक्त करने का कोई रास्ता दिखाया. उल्टे महंगाई की मार से लोगों की कमर तोड़ दी. इन सबके जवाब में हेमंत सरकार ने मंईयां सम्मान योजना लागू किया है. यह बातें शनिवार को रामगढ़ जिले के गोला प्रखंड अंतर्गत एसएस प्लस टू हाई स्कूल मैदान में चुनावी जनसभा के दौरान झामुमो की स्टार प्रचारक कल्पना मुर्मू सोरेन ने कही.

उन्होंने कहा कि बीजेपी ने झारखंडियों पर संकट का अंबार लगाया, लेकिन झामुमो ने ही हर संकट से निकलने का रास्ता दिखाया है. पहले चरण के चुनाव में महिलाओं ने घर से निकलने में कोताही बरती है. लेकिन दूसरे चरण में यह कोताही दूर कर दिया जाना है.

कल्पना सोरेन ने कहा कि पिछले 19 साल में यहां भाजपा और उसके गठबंधन की सरकार रही है. लेकिन ना तो महिलाओं की समस्या दूर हुई और ना ही यहां के किसान और गरीबों की सुनी गई. आज मंईयां सम्मान योजना की चार किस्ते महिलाओं को मिल चुकी हैं. दिसंबर महीने से ढाई हजार रुपये मिलेंगे. यह योजना हेमंत ने महिलाओं को सशक्त करने के लिए चलाया है.

कल्पना सोरेन ने कहा कि इसके अलावा अबुआ आवास योजना से 35 लाख लोगों के घर बनवाए गए हैं. किसानों के दो लाख तक के ऋण को माफ कर दिया गया है. लाखों लोगों का बिजली बिल माफ हुआ है. यह सारे रास्ते इसलिए दिखाए गए कि भाजपा की महंगाई की मार को मिटाया जा सके. झारखंड में अबुआ सरकार 2019 में बनी थी. पांच सालों में 40 लाख लोगों को पेंशन योजना से जोड़ा गया, 35 लाख लोगों को अबुआ आवास योजना का लाभ दिया गया, 20 लाख लोगों को हरा राशन कार्ड दिया गया, इसके अलावा सरकारी कर्मियों को ओल्ड पेंशन योजना से जोड़ा गया है. साथ ही पिछड़े वर्ग को 27 प्रतिशत आरक्षण और सरना आदिवासी कोड लागू करने के लिए भी सरकार ने अपनी मंशा साफ कर दी. लेकिन भाजपा ने उस फाइल को दबाकर यहां के लोगों के साथ नाइंसाफी की.

झामुमो की स्टार प्रचारक कल्पना मुर्मू सोरेन ने रामगढ़ विधानसभा सीट से कांग्रेस उम्मीदवार ममता देवी के समर्थन में प्रचार किया. उन्होंने कहा कि ममता देवी ने कई वर्षों तक संघर्ष किया है. अब उन्हें न्याय देने की बारी है. जब पिछली बार वह विधायक बनी थी तो कई योजना अधूरी रह गई थी. इस बार उसे पूरी तरीके से साकार करना है.

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/ अमितेश प्रकाश

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