उमरिया, 16 नवंबर . विश्व प्रसिद्ध बांधवगढ़ में जंगली हाथियों की मौत ने अब किसानों की परेशानी को बढ़ा दिया है, किसान अपनी फसल को लेकर चिंतित हैं और बाजार के व्यापारियों की चौखट खटखटा रहै है, हाथियों की मौत को जैसे ही फंगस लगी कोदों खाने से होना बताया गया और यह रिपोर्ट जैसी ही वायरल हुई तो किसानों की फसल बाजार में बिकना बन्द हो गई, अगर कहीं ले भी रहे हैं तो वह औने-पौने दाम में बिक रही है, यहां फसल नहीं बिक रही और वहां वन विभाग कोदों की फसल को जलाने की बात किसानों से कर रहा हैं, ऐसे में डर के मारे बेबस किसान कोदों की फसल कटाने में जुटा है मगर वह बिकेगी कहां यह किसी को पता नहीं है, जिसके कारण किसान भारी भरकम कोदों की फसल रखें हुए हैं और सरकार से कह रहे हैं कि हमारी फसल तो बिकवाओ.
जानकारी के लिए बता दें कि जिले में हजारों क्विंटल कोदों की फसल जस की तस है, किसानों का कहना है कि जंगली हाथियों की मौत के बाद अब हमारी कोदों की फसल कोई नहीं ले रहा है, जबकि पीएम की महत्वपूर्ण योजनाओं में शामिल श्री अन्न मिलेट्स में कोदों की फसल को भी शामिल किया गया था, लेकिन आज की स्थिति यह है कि कोदों की फसल बाजार में भी नहीं बिक रही है. दूसरी ओर स्थानीय किसानों का कहना है कि शासन का कहना है कि मोटा अनाज उगाओ उसी में बेनिफिट है तो हम लोगों ने कोदो की खेती करनी शुरू कर दी. अब कोदो को कोई पूछने वाला नहीं है.
इस मामले में उप संचालक कृषि संग्राम सिंह मराबी ने बताया कि कोदो की फसल का रकबा बढ़ता ही जा रहा है, हम किसानों को नये-नये तकनीक बता रहे हैं, कोदो की फसल को बोने के लिए किसानों के बीच में जा रहे हैं उनको नई-नई तकनीक बता रहे हैं.
अब किसानों को यह समस्या आ रही है कि जब से हाथी मरे हैं, फसल बेचने की समस्या किसान कहां जाकर उस फसल को बेचे कोई खरीदने को तैयार ही नहीं है, हम इसके लिए शासन से भी चर्चा करेंगे पत्र व्यवहार भी करेंगे कि किसान की जो कोदो की फसल बोई गई थी और उससे जो उत्पादन हुआ है, उसको किसान कहां बेचे और क्या करें, उसके लिए हम शासन को पत्र लिखेंगे और शासन से बात करेंगे और कलेक्टर साहब के नॉलेज में भी यह बात है कि किसानों के द्वारा इस साल 9560 हेक्टेयर भूमि में कोदो की फसल बोई गई है.
गौरतलब है कि जहां उमरिया जिले में कृषि विभाग द्वारा फरवरी माह में अन्न श्री मिलेट्स मेला का आयोजन कर डिंडोरी जिले से ब्रांड एंबेसडर सुश्री लहरी बाई को बुला कर मोटे अनाज की खेती करने के लिए किसानों को प्रोत्साहित किया गया और कृषि विभाग ने दिन रात मेहनत कर कोदो की बुवाई करवाने के लिए प्रोत्साहित किया और जिले में 9560 हेक्टेयर में कोदो की फसल भी लगवाया, लोग धान की फसल छोड़ कर कोदो बोये और फसल तैयार होने के बाद हाथियों की मौत पर वन विभाग ने उसका जिम्मेदार कोदो की फसल को बता दिया जिसके चलते अब किसान परेशान और हताश हो गये.
ऐसे में प्रधानमंत्री की अन्न श्री योजना पर ग्रहण लग गया और यही हाल रहा तो किसान अगले वर्ष से मोटे अनाज से दूरी बना लेंगे और देश के प्रधानमंत्री की योजना फ्लॉप हो जाएगी, इसके लिए आवश्यकता है कि उच्च स्तरीय जांच करवा कर सच्चाई सामने लायी जाय ताकि किसान हताशा की स्थिति में न पहुंच सकें.
/ सुरेन्द्र त्रिपाठी
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