-मजबूत पैरवी के कारण आर्बीट्रेशन ने सुनाया फैसला
गाजियाबाद, 18 नवंबर .
गाजियाबाद नगर निगम के लिए सोमवार एक अच्छी खबर लेकर आया. नगर निगम की मजबूत पैरवी के कारण लगभग 3 वर्षों से चल रहे मै. वाइट प्लाकार्ड केस पर आर्बीट्रेशन ने 72 करोड़ रुपये का क्लेम खारिज कर दिया. निर्णय में गाजियाबाद नगर निगम द्वारा 40 सुनवाई गहनता से की गई 41 वीं सुनवाई 17 नवंबर 2024 को निगम हित में निर्णय हुआ हैl नगर आयुक्त विक्रमादित्य मलिक इस पर खुद नजर बनाए हुए थे और विधि विभाग का मार्गदर्शन कर रहे थे.
नगर आयुक्त ने बताया कि 28 नवंबर 2021 को व्हाइट प्लाकार्ड द्वारा माननीय उच्च न्यायालय के समक्ष अपील दायर की गई थी,जिसमें फर्म ने 23 अप्रैल 2022 को 72 करोड़ का दावा नगर निगम के विरुद्ध किया था. इसके उपरांत गाजियाबाद नगर निगम द्वारा 30 अक्टूबर 2022 को अपना काउंटर क्लेम 125 करोड का दाखिल किया गया, लगभग 2 वर्षों के बाद गाजियाबाद नगर निगम के विधि विभाग के अथक प्रयासों से प्रभावी कार्यवाही की गई.
नगर आयुक्त विक्रमादित्य सिंह मलिक के कुशल नेतृत्व में गाजियाबाद नगर निगम लगातार शहर हित में कार्य कर रहा है. इसी क्रम में पुराने से पुराने चल रहे केस को भी गति मिल रही है तथा निर्णायक स्थिति बन रही है जो की सराहनीय हैl उच्च न्यायालय इलाहाबाद के आदेश के अनुपालन में रिटायर्ड जजों की तीन सदस्य कमेटी गठित की थी. जिसमें तीन आर्बिट्रेटर नियुक्त किए गए जिसमें जनार्दन सहाय , राकेश तिवारी न तथा संजय हरकोली थे. जिन्होंने व्हाइट प्लाकार्ड के केस में फैसला सुनाया l तत्कालीन प्रकाश प्रभारी आश कुमार, विधि अधिक्षक विशाल गौरव व अन्य टीम को नगर आयुक्त ने मोटिवेट भी किया गया है.
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/ फरमान अली
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