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राजस्थान हाईकोर्ट के भवन में दरारें, निर्माण करने वाली कंपनी पर केस दर्ज

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जोधपुर, 13 नवम्बर . राजस्थान हाईकोर्ट नया परिसर में आए दिन भवन के जर्जर होकर टूटने की घटनाएं सामने आती रही है. जर्जर होकर टूटने को लेकर अब हाईकोर्ट के कोर्ट ऑफिसर शरद जोशी ने कुड़ी भगतासनी पुलिस थाने में निर्माण करने वाली कंपनी के खिलाफ मामला दर्ज करवाया है. कुड़ी भगतासनी पुलिस ने अनुसंधान आरंभ किया गया है.

थाना प्रभारी रामभरोसी के अनुसार राजस्थान उच्च न्यायालय जोधपुर के नवीन भवन का निर्माण झालामंड, जोधपुर में आरएसआरडीसी, लिमिटेड द्वारा वर्ष 2008 में प्रारंभ किया गया. दिसम्बर, 2019 में नवीन भवन राजस्थान उच्च न्यायालय को सुपुर्द किया गया. भवन के सपूर्ण निर्माण कार्य की लागत 220 करोड रुपये आयी थी. कब्जा सुपुर्दगी के उपरांत से ही आरएसआरडीसी द्वारा इसका रखरखाव का कार्य भी किया जा रहा है. जिसके लिए 220 लाख रुपये प्रतिवर्ष बजट का प्रावधान है. मामले में कंपनी के अधिकारियों, कर्मचारियों एवं ठेकेदारों पर लापरवाही बरते जाने आराेप है.

रिपोर्ट के अनुसार यह घटनाएं हो चुकी :

20 फरवरी 2023 को शाम 06.05 बजे चेम्बर नं. 14 की छत गिर गई, जिससे चेम्बर की फॉल्स सिलिंग और अन्य फर्नीचर क्षतिग्रस्त हो गए. इससे पूर्व कोर्ट न. 02, 09. 16 एवं चेम्बर न. 16 और परिसर में विभिन्न स्थानों पर इसी तरह की घटनाएं घटित हो चुकी थी. 29 अपे्रल 2023 को डोम एरिया की छत का कुछ हिस्सा गिर गया. 23 जून 2023 को सिविल विविध अपील अनुभाग एवं 28 जून 2023 को बिल अनुभाग की छत का, 12 सितंबर 2024 को बारिश के कारण न्यायालय कक्ष सं. 02 में छत से पानी टपकने के कारण व न्यायालय कक्ष प्लास्टर उखडकर गिरने के कारण फाल्स सिंलिग भी गिर गई.

कोर्ट संख्या 16 में छत व खिडक़ी से पानी अंदर आने के कारण न्यायालयों का नियमित कार्य रोका गया तथा न्यायालयों को अन्य न्यायालय कक्षों में स्थान्तरित किया गया. सितम्बर माह, 2024 में ही लेखा (संस्थापन्न) शाखा में फॉल्स सिलिंग का जिप्सम बोर्ड गिर गया. वहीं 12 सितंबर 2024 को न्यायालय कक्ष सं. 19 की छत से पानी के रिसाव के कारण फॉल्स सिलिंग में पानी भर गया फॉल्स सिलिंग गिर गई.

18 सितंबर को 2024 को प्रात: न्यायालय कक्ष स. 02 में भीषण आग लग गई जबकि एक दिन पूर्व ही आरएसआरडीसी द्वारा इस तथ्य का प्रमाण पत्र दिया गया था कि न्यायालय कक्ष संख्या 02 उपयोग में लिए जाने के योग्य है. जबकि 24 सितंबर 2024 को भूतल पर स्थित गेट सं. 03 पर मीडियेशन सेन्टर के सामने स्थित लिफ्ट के पास छत गिर गई. इन घटनाओं के अतिरिक्त भवन का कब्जा लिये जाने के पश्चात् अल्प समय में ही भवन के न्यायालय कक्ष सं. 02,09,16 व 19, न्यायाधीश चैम्बर स. 14 व 16. लोक अदालत के सामने सहित भवन के डोम, कई सेक्शनों व क्षेत्रों की छत गिर चुकी है.

भवन में कई स्थानों पर प्लास्टर उखड़ा पड़ा :

कोर्ट ऑफिसर शरद जोशी की ओर से पुलिस को दी गई रिपोर्ट के अनुसार भवन में कई स्थानों का प्लास्टर उखड़ा हुआ है तथा सरिये फूल रहे हैं. ऑडिटोरियम के सर्किल में स्थित पिलर फूल गया है तथा भवन के कई पिलरों ने अपनी जगह छोड़ दी है. भवन के अधिकाश कॉलम का प्लास्टर उखड़ गया है तथा सरिये गल गए हैं. पूरे भवन के जमीन पर लगाई गई ग्रेनाईट टाइल्स व अन्य टाइल्स बेतरतीब तरीके से लगी हुई है तथा अधिकतर स्थानों पर टाइल्स उखड़ चुकी है या जमीन में प्रयुक्त सामग्री के कारण फूल चुकी है. इसी तरह दीवारों पर लगी टाइल्स की स्थिति है. आरोप है कि आरएसआरडीसी लिमिटेड के अधिकारियों द्वारा निर्धारित मानकों के अनुरूप भवन निर्माण का कार्य नहीं करवाया गया. इसके अलावा 18 सितंबर को हुई आगजनी में निरीक्षण में यह पाया गया कि भवन में स्थापित फॉयर सेफ्टी सिस्टम क्रियाशील नहीं है. कंपनी द्वारा निर्धारित मापदण्डों के अनुसार निर्माण सामग्री का प्रयोग नहीं करते हुए दोषपूर्ण निर्माण कार्य करवाया गया है. आरएसआरडीसी लिमिटेड के अधिकारी, कर्मचारी व ठेकेदारों द्वारा भवन निर्माण में अनियमितता बरतते हुए दोषपूर्ण कार्य कर राजकोष को भारी हानि पहुंचायी है व मानव जीवन को संकट में डाला है.

/ सतीश

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