लंबी-लंबी लाइनों में जद्दोजहद करनी पड़ रही है किसान को
टोकन और खाद के लिए मारामारी किसानों के बीच हाथापाई की नौबत
शिवपुरी, 10 नवंबर . शिवपुरी जिले में रबी सीजन में खाद की कमी से किसान परेशान है. इस समय हालात यह है कि किसानों को खाद वितरण केंद्र पर खाद के लिए परेशान देखा जा रहा है. जिला प्रशासन द्वारा खाद वितरण केंद्रों पर टोकन देने की व्यवस्था शुरू की गई है लेकिन इन केंद्रों पर किसानों की लंबी-लंबी लाइनें देखी जा रही है. टोकन के लिए किसानों के बीच मारामारी है. कई जगह तो लंबी-लंबी लाइनों के बीच किसान परेशान देखे जा रहे हैं. कुछ स्थानों पर तो किसानों के बीच आपस में मारपीट की खबरें सामने आई हैं.
टोकन वितरण पर लगी लंबी लाइन, जमकर हुई धक्का मुक्की-
कोलारस और बदरवास क्षेत्र में शनिवार को टोकन और खाद वितरण के दौरान जमकर धक्कामुक्की हुई, इससे हाथापाई की नौबत निर्मित हो गई. काफी जद्दोजहद के बाद बदरवास में महज 330 किसानों को ही टोकन मिल सके हैं. अब रविवार अवकाश के कारण सोमवार को टोकन पर खाद दिया जाएगा.
किसानों को नहीं मिल रहा है डीएपी-
परेशान कई किसानों ने बताया है कि जिले में डीएपी नहीं है और किसानों को डीएपी की आवश्यकता है. किसानों की स्थिति यह थी कि हर कोई लाइन में पहले नंबर पर आना चाह रहा था. यह हालात लगभग हर रोज रहते हैं. इसकी मुख्य वजह खाद की मांग की अपेक्षा आपूर्ति में कमी होना बताया जा रहा है. जब मामले में बदरवास एसएडीओ कल्ले कोली से बात की तो उनका कहना था कि कोलारस व बदरवास में नवंबर माह में अलग- अलग 600-600 मीट्रिक टन डीएपी खाद की आवश्यकता थी, जबकि इसके बदले में सिर्फ 50-50 मीट्रिक टन डीएपी खाद सप्लाई हुआ है.
टोकन के लिए धक्के खा रहे हैं किसान-
जिले में कोलारस, बदरवास, करेरा में जिला प्रशासन ने किसानों को टोकन व्यवस्था शुरू की है जिससे वितरण व्यवस्था ठीक रहे, लेकिन यहां पर किसानों को धक्के खाने पड़ रहे हैं. इस समय किसानों को खाद की आवश्यकता ज्यादा है. ऐसे हालातों में किसान किसी भी स्थिति में खाद चाहता है, फिर इसे पाने के लिए उसे चाहे कुछ करना पड़े. यही वजह है कि टोकन वितरण और खाद वितरण के समय किसानों में कहा-सुनी और धक्कामुक्की की स्थिति निर्मित हो रही है.
आधी रात से आकर लाइन में लग रहे हैं किसान-
खाद की किल्लत के चलते हालात यह है कि किसान आधी रात से आकर टोकन की लाइन में लग जाते है, ताकि उसे जल्द से जल्द टोकन मिल सके. भूख लगने पर किसान खाना खाने के लिए और प्यास लगने पर भी लाइन में लगे रहते हैं. कृषि विभाग के अधिकारियों का कहना है कि जिले की मांग के अनुरूप डिमांड ऊपर भेज दी गई है लेकिन डीएपी किसानों को चाहिए और इसकी आपूर्ति अभी कम है.
/ रंजीत गुप्ता
/ रंजीत गुप्ता
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