जम्मू, 7 नवंबर . गाय माता को ‘राष्ट्र माता’ का दर्जा दिलाने, सख्त कानून लागू करने और अधिक गौशालाओं की स्थापना की मांग को लेकर मूवमेंट कल्कि का प्रदर्शन आज 18वें दिन भी जारी रहा. आंदोलन का नेतृत्व कर रहे सलाहकार बोर्ड के सदस्य प्रीतम शर्मा ने एक प्रेस वार्ता में अफसोस व्यक्त किया कि अभी तक जम्मू के किसी भी चुने हुए प्रतिनिधि ने समर्थन नहीं दिया है.
प्रीतम शर्मा ने सवाल उठाया कि आखिर क्यों ये नेता इस मुद्दे पर मौन धारण किए हुए हैं, जबकि इन्हीं वादों के आधार पर उन्होंने जनता से वोट मांगे थे. उन्होंने जोर देकर कहा कि चाहे 2014 हो, 2019 हो या 2024, इन नेताओं ने गाय संरक्षण के लिए काम करने का वादा किया था, लेकिन अब जब जनता सड़कों पर प्रदर्शन कर रही है, तो वे न तो सामने आ रहे हैं और न ही कोई बयान जारी कर रहे हैं.
शर्मा ने कश्मीर के नेताओं का उदाहरण देते हुए बताया कि विधानसभा के पहले ही दिन उन्होंने 370 पर बिल प्रस्तुत कर अपनी मंशा स्पष्ट कर दी. उन्होंने जम्मू के नेताओं की आलोचना करते हुए कहा कि जनता की उम्मीदों को धोखा देना केवल विधायकों का नहीं, बल्कि उन सभी मतदाताओं का अपमान है जिन्होंने उन्हें समर्थन दिया था.
मूवमेंट कल्कि के बोर्ड सदस्य रोहित बजरंगी ने भी इसी तरह के विचार व्यक्त किए और कहा कि गाय संरक्षण के नाम पर वोट मांगने वाले नेताओं को अब सख्त कानून और गौशालाओं के निर्माण के लिए कदम उठाने चाहिए. उन्होंने चेतावनी दी कि यदि नेता इस महत्वपूर्ण मुद्दे को नजरअंदाज करते हैं, तो भविष्य में जनता का प्रतिकार और भी कड़ा हो सकता है.
/ राहुल शर्मा
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