विवि में सोलर एनर्जी, सोलर सेल की चुनौतियाँ एवं संभावनाएं विषय पर व्याख्यान का आयोजन
अयोध्या, 11 नवंबर . भारत के पास सोलर एनर्जी की विशाल संभावनाएं हैं, लेकिन हमें तकनीकी चुनौतियों का सामना करना होगा. उक्त बातें
डाॅ0 राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय के भौतिकी एवं इलेक्ट्रॉनिक्स विभाग में “सोलर एनर्जी, सोलर सेल की चुनौतियाँ एवं संभावनाएं” विषय पर सोमवार को आयोजित व्याख्यान में मुख्य वक्ता इटली व यू०के० में सोलर सेल पर शोध कर चुके, आई०आई०एस०सी०बैंगलोर के असिस्टेंट प्रोफेसर रहे व वर्तमान में शिवनादर विश्वविद्यालय गाजियाबाद में कार्यरत डॉ० उपेन्द्र कुमार पाण्डेय ने व्यक्त किया.
उन्होंने विद्यार्थियों को सोलर सेल तकनीक की मौजूदा स्थिति और भविष्य की संभावनाओं पर प्रकाश डालते हुए बताया कि सोलर सेल के विकास में होने वाले नए अनुसंधानों पर जोर देते हुए बताया कि उच्च दक्षता और कम लागत वाले सोलर सेल विकसित करना आवश्यक है. वैज्ञानिक अब कई परतों वाले सोलर सेल का विकास कर रहे हैं, जो सामान्य सोलर सेल की तुलना में अधिक ऊर्जा उत्पन्न कर सकते हैं, साथ ही साथ प्रयोग की जाने वाली सामग्री को और भी नवीनतम बनाने का काम चल रहा है. उन्होंने बताया कि पेरोव्स्काइट आधारित सोलर सेल, जो कम लागत में बेहतर प्रदर्शन करते हैं. सरकार द्वारा उठाए जा रहे कदम और अनुसंधान संस्थानों द्वारा किए जा रहे प्रयासों से भारत को उम्मीद है कि वह आने वाले वर्षों में सोलर एनर्जी के उत्पादन में आत्मनिर्भर बनेगा और न केवल अपनी ऊर्जा आवश्यकताओं को पूरा करेगा. बल्कि वैश्विक ऊर्जा बाजार में भी एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा. उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि अक्षय ऊर्जा के स्रोतों को तेजी से अपनाने से भारत अपनी ऊर्जा सुरक्षा को मजबूत कर सकता है.
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/ पवन पाण्डेय
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