रुद्रप्रयाग, 06 नवंबर . श्रीकेदारनाथ धाम यात्रा के सफल एवं सुव्यवस्थित संचालन में हर विभाग महत्वपूर्ण भूमिका में रहा है, लेकिन स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी देवदूत की भूमिका में नजर आए. रैपिड रिस्पॉस से न्यूनतम समय में मरीजों को उचित इलाज मिल सका और मृत्यु होने पर रिकॉर्ड समय में शव परिजनों को सौंपा गया. इसके लिए एक समर्पित (डेडीकेटेड) व्हाट्सएप ग्रुप तैयार किया गया था.
केदारनाथ धाम यात्रा प्रबंधन को मजबूत करने के लिए जिलाधिकारी सौरभ गहरवार ने कई प्रयास किए. स्वास्थ्य व्यवस्था दुरुस्त एवं सुगम बनाने के लिए किए गए प्रयास बड़ा प्रभाव लेकर आए. पूरे अभियान में एक एडवांस लाइफ सपोर्ट सहित 10 एम्बुलेंस, चार शव वाहन एवं संबधित विभागों के करीब 150 कर्मचारियों ने यात्रियों को जीवनदान देने से लेकर शव समय पर परिवार को सुपुर्द करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. प्रशासन की ओर से रैपीड रिस्पॉस सिस्टम के अंतर्गत एम्बुलेंस के यातायात के लिए ग्रीन कॉरिडोर अनिवार्य किया गया था.
प्रभारी मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. विमल गुसाईं ने बताया कि श्रीकेदारनाथ धाम की इस वर्ष की यात्रा में एक लाख 98 हजार 952 श्रद्धालुओं का स्वास्थ्य उपचार किया गया है. इसमें एक लाख 57 हजार 330 पुरुष व 41 हजार 622 महिलाएं शामिल हैं. इसके साथ ही 15 हजार 173 लोगों को ऑक्सीजन की सुविधा उपलब्ध कराई गई है तथा एक लाख 61 हजार 308 श्रद्धालुओं की स्क्रीनिंग भी की गई है. उन्होंने बताया कि यात्रा के दौरान 218 लोगों को एम्बुलेंस सेवा से तथा 90 श्रद्धालुओं को हेली सेवा के माध्यम से हायर सेंटर के लिए रेफर किया गया.
उधर, जिला पर्यटन अधिकारी राहुल चौबे ने रेस्क्यू कार्यों से लेकर मरीज एवं शवों को समय पर केदारनाथ सहित अन्य हेलीपैड से बेस हेलीपैड पर पहुंचाने के लिए धन्यवाद दिया. उन्होंने कहा कि रैपिड रिस्पॉस के बिना यह संभव नहीं था.
/ बिपिन
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