जयपुर, 13 नवंबर . राज्य मानवाधिकार आयोग ने पुलिस कमिश्नर, जयपुर और एसपी नागौर को निर्देश दिए हैं कि वह पुलिस हिरासत में बंदी की मौत के दोषी पुलिस कर्मचारियों के खिलाफ मामला दर्ज कर उनके खिलाफ विधि सम्मत कार्रवाई की जाए. इसके साथ ही आयोग ने इन पुलिसकर्मियों को कर्तव्य पद से दूर करते हुए मामले की जांच उप अधीक्षक स्तर के अधिकारी से करवा कर मामले में की गई विभागीय कार्रवाई की रिपोर्ट पेश करने को कहा है. वहीं आयोग ने मृतक सुनील कुमावत के परिजनों को पांच लाख रुपए की आर्थिक सहायता देने को कहा है. आयोग अध्यक्ष जस्टिस जीआर मूलचंदानी ने यह आदेश दिए.
सुनवाई के दौरान न्यायिक जांच रिपोर्ट आयोग के समक्ष पेश की गई. जिसमें सामने आया कि मृतक सुनील कुमावत के खिलाफ कुचामन सिटी में वर्ष 2021 में दुष्कर्म का मामला दर्ज हुआ था. वहीं 8 जनवरी, 2022 को उसे जिला अस्पताल, दौसा से एसएमएस अस्पताल में रैफर किया गया था. इस दौरान एम्बुलेंस में उसकी मौत हो गई और एसएमएस अस्पताल में पहुंचने पर उसे मृत घोषित कर दिया. न्यायिक जांच में यह भी बताया गया कि मृतक की मौत गला दबाने से हुई है और पोस्टमार्टम रिपोर्ट में भी गले पर दो चोटें बताई गई. इसके अलावा न्यायिक जांच में बंदी की मौत कांस्टेबल इकबाल खां, कास्टेबल राजूराम और धर्मी मीणा को बताया गया और इसमें परिवादी पक्ष के व्यक्ति शिवलाल, बाबूलाल और निजी वाहन चालक नदीम के साथ आपराधिक षडयंत्र बताया गया. इस पर अदालत ने दोषी पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई के आदेश देते हुए मृतक के परिजनों को क्षतिपूर्ति राशि देने को कहा है.
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