Top News
Next Story
NewsPoint

कठुआ प्रशासन ने चौथा जनजातीय गौरव दिवस पर धरती अब्बा को याद किया

Send Push

कठुआ 15 नवंबर . जिला प्रशासन कठुआ ने चौथे जनजातीय गौरव दिवस के उपलक्ष्य में एक कार्यक्रम का आयोजन किया. कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री की अगुवाई में राष्ट्रीय स्तर के जनजातीय गौरव दिवस समारोह का सीधा प्रसारण भी दिखाया गया.

डीडीसी के अध्यक्ष कर्नल (सेवानिवृत्त) महान सिंह, उपाध्यक्ष डीडीसी रघुनंदन सिंह, एडीसी कठुआ रंजीत सिंह, पीओ आईसीडीएस शोकत महमूद, सीपीओ रंजीत ठाकुर और अन्य जिला और क्षेत्रीय अधिकारी उपस्थित थे. यह कार्यक्रम चालू वित्तीय वर्ष के दौरान जिले में आदिवासी कल्याण के संबंध में हासिल की गई उपलब्धियों पर प्रकाश डालने के साथ शुरू हुआ, जिसके बाद अध्यक्ष डीडीसी द्वारा सामाजिक न्याय और नशा मुक्त भारत पर प्रतिज्ञा दिलाई गई, इसके अलावा कार्यक्रम के दौरान एडीसी कठुआ द्वारा प्रस्तावना पढ़ी गई. भारत के स्वतंत्रता संग्राम में महान आदिवासी स्वतंत्रता सेनानी बिरसा मुंडा के जीवन पर प्रकाश डालने के साथ ही आदिवासियों के हितों पर भी प्रकाश डाला. इस अवसर पर बोलते हुए डीडीसी अध्यक्ष ने कहा कि जनजातीय गौरव दिवस का स्मरणोत्सव विभिन्न क्षेत्रों में जनजातीय समुदाय द्वारा किए गए मूल्यवान योगदान की सराहना करने के लिए समर्पित है. उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत सरकार द्वारा शुरू की गई विकास पहलों पर भी प्रकाश डाला, जिन्हें जनजातीय समुदाय के उत्थान के लिए कठुआ जिले तक बढ़ाया गया है. उपाध्यक्ष रघुनदन सिंह ने कहा कि यह दिन प्रख्यात योद्धा भगवान बिरसा मुंडा के बहुमूल्य योगदान को याद करने के लिए मनाया जाता है, उन्होंने लोगों से उनके जीवन से प्रेरणा लेने और समाज के संपूर्ण विकास के लिए काम करने की अपील की.

बाद में डीडीसी अध्यक्ष और उपाध्यक्ष ने विभिन्न लाभार्थी उन्मुख योजनाओं के तहत आदिवासी समुदाय के सदस्य को वित्तीय सहायता भी दी. गौरतलब हो कि यह दिन आदिवासी स्वतंत्रता सेनानी बिरसा मुंडा की जयंती के रूप में मनाया जाता है, जो एक श्रद्धेय व्यक्ति थे, जिन्होंने न केवल आजादी के लिए लड़ाई लड़ी, बल्कि सामाजिक सुधार का भी समर्थन किया और ब्रिटिश औपनिवेशिक सरकार की शोषणकारी प्रणालियों के खिलाफ उलगुलान (विद्रोह) के नाम से जाने जाने वाले आदिवासी आंदोलन का नेतृत्व किया. उन्हें प्यार से धरती अब्बा के नाम से जाना जाता है, क्योंकि उन्होंने आदिवासियों को अपनी सांस्कृतिक विरासत को अपनाने और एकजुट होने के लिए प्रेरित किया.

—————

/ सचिन खजूरिया

Explore more on Newspoint
Loving Newspoint? Download the app now