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धीरेंद्र शास्त्री ने कहा, भीलवाड़ा के धर्म विरोधियों अब छेड़ोगे तो छोड़ा नहीं जाएगा

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भीलवाड़ा, 9 नवंबर . भीलवाड़ा के कुमुद विहार में आयोजित श्री हनुमंत कथा में बागेश्वर पीठाधीश्वर महंत पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री का कड़ा बयान सामने आया. कथा के चाैथे दिन शनिवार को महंत धीरेंद्र शास्त्री ने अपने संबोधन में हिंदू समुदाय को एकजुट होकर धर्म विरोधी तत्वों को करारा जवाब देने का आह्वान किया. उन्होंने कहा, भीलवाड़ा के धर्म विरोधियों, अब अगर छेड़ोगे तो छोड़ा नहीं जाएगा. उनके इस वक्तव्य पर पूरे पंडाल में तालियों की गूंज सुनाई दी और श्रद्धालुओं में उत्साह भर गया.

श्री हनुमंत कथा के चाैथे दिन महंत धीरेंद्र शास्त्री ने युवा पीढ़ी को जीवन जीने के सशक्त मंत्र दिए और साथ ही सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने वालों को कड़ा संदेश दिया. उन्होंने कहा, जो लोग देश में हिंदू बहन-बेटियों के साथ गलत काम करेंगे, उन्हें पाकिस्तान भेज दिया जाएगा, उनकी ठठरी बांधी जाएगी. महंत शास्त्री के अनुसार, देश में आज भी ऐसी ताकतें हैं जो सांप्रदायिक सौहार्द को बिगाड़ने की कोशिश कर रही हैं, और ऐसे तत्वों का मुकाबला हिंदू समाज को संगठित होकर करना चाहिए. उन्होंने स्पष्ट संदेश दिया कि अब हिंदू समाज हर प्रकार के अत्याचार का मुँहतोड़ जवाब देने के लिए तैयार है. महंत शास्त्री के जोशीले और प्रेरणादायक विचारों ने भक्तों के मन में धर्म के प्रति और भी अधिक आस्था पैदा की. उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि हर हिंदू को अपने धर्म, संस्कृति और राष्ट्र के प्रति कर्तव्य समझना चाहिए और एकता का संकल्प लेना चाहिए.

सांप्रदायिक सौहार्द और हिंदू एकता पर जोर

भीलवाड़ा और राजस्थान में सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने के मामलों को लेकर महंत शास्त्री ने अपना आक्रोश व्यक्त किया. उन्होंने कहा, राजस्थान में कन्हैयालाल, हेमराज और भीलवाड़ा में आदर्श जैसे हिंदू व्यक्तियों की हत्या कर दी गई. अब हिंदू जाग चुका है और धर्म विरोधी तत्वों को अगर अब वह छेड़ेगा, तो वह इसे बर्दाश्त नहीं करेगा. उन्होंने हिंदू समुदाय से आग्रह किया कि अब समय आ गया है कि सभी एकजुट होकर अत्याचारियों का सामना करें और उनको कड़ा सबक सिखाएं.

कथा में उमड़ा भक्तों का जनसैलाब

भीलवाड़ा के कुमुद विहार में चल रही श्री हनुमंत कथा का आज के सत्र का समापन आरती और प्रसाद वितरण के साथ हुआ. कथा के माध्यम से महंत धीरेंद्र शास्त्री ने भक्तों को अपने धर्म और संस्कारों के प्रति जागरूक किया और उन्हें अपने जीवन में भक्ति और मानवता को स्थान देने का संदेश दिया. उन्होंने भगवान के नाम जपने की महत्ता को समझाते हुए कहा कि जीवन में सकारात्मक ऊर्जा और शांति के लिए भगवान की भक्ति का साधन अपनाना अत्यंत लाभकारी है. महंत शास्त्री के विचारों ने न केवल भक्ति का महत्व स्पष्ट किया, बल्कि धर्म विरोधी तत्वों के प्रति एकजुट होकर मुकाबला करने का आह्वान किया.

/ मूलचंद

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