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सरकारी आश्वासन के बावजूद मेडिकल व पोस्टमार्टम रिपोर्ट क्यों नहीं हो रही कम्प्यूटरीकृत टाइप : हाईकोर्ट

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-एसीएस गृह, डीजीपी व डायरेक्टर मेडिकल हेल्थ से हाईकोर्ट ने मांगी सफाई

प्रयागराज, 07 नवम्बर . इलाहाबाद हाईकोर्ट ने प्रदेश सरकार द्वारा शारीरिक क्षति व पोस्टमार्टम रिपोर्ट को कम्प्यूटरीकृत टाइप करने के दिये गए आश्वासन का पालन न करने को गम्भीरता से लिया है. अपर मुख्य सचिव गृह उप्र लखनऊ, डी जी पी लखनऊ, डायरेक्टर चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाएं उप्र को व्यक्तिगत हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया है.

कोर्ट ने कहा है कि वे बताएं कि वसीम केस में सरकार द्वारा 14 बार आश्वासन दिया गया कि रिपोर्ट कम्प्यूटर से टाइप होगी, किन्तु उसका पालन क्यों नहीं किया जा रहा है. याचिका की अगली सुनवाई 21 नवम्बर को होगी. यह आदेश न्यायमूर्ति संजय कुमार सिंह ने एक दुष्कर्म मामले में दाखिल आपराधिक पुनरीक्षण याचिका की सुनवाई करते हुए दिया है.

याचिका में कहा गया कि पीड़िता से दुष्कर्म के आरोप की मेडिकल रिपोर्ट से समर्थन नहीं मिला है. जब कोर्ट ने रिपोर्ट देखी तो वह डाक्टर के हस्तलेख में थी और पठनीय नहीं थी. कोर्ट ने अपर शासकीय अधिवक्ता से पढ़ने को कहा वह भी पढ़ने में असमर्थ रहे.

कोर्ट ने कहा कि वसीम केस की सुनवाई के दौरान सरकार की तरफ से कहा गया था कि मेडिकल रिपोर्ट व पोस्टमार्टम रिपोर्ट कम्प्यूटर से टाइप कराई जायेगी. किंतु इसका पालन नहीं किया जा रहा. इस पर अधिकारियों से सफाई मांगी है.

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/ रामानंद पांडे

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