लखनऊ, 28 सितंबर . जलशक्ति मंत्री स्वतंत्रदेव सिंह ने शनिवार को कहा कि सिल्ट सफाई के कार्य निर्धारित समय और विभागीय मापदण्डों के अनुसार होना है. इसमें किसी प्रकार की लापरवाही नहीं होनी चाहिए. कार्यों का भौतिक सत्यापन कराया जाए. नहरों की सिल्ट सफाई के कार्यों की गुणवत्ता एवं कार्यों में पूरी पारदर्शिता सुनिश्चित कीजिए. मुख्यालय स्तर से गठित विभागीय समितियां समय-समय पर निरीक्षण अवश्य करें. किसी प्रकार की अनियमितता पाए जाने पर संबंधित के खिलाफ कार्रवाई की जाए.
उदयगंज स्थित सिंचाई एवं जलसंसाधन विभाग के मुख्यालय में नहरों के सिल्ट सफाई के संबंध में मुख्य अभियंताओं के साथ आयोजित समीक्षा बैठक में जलशक्ति मंत्री ने कहा कि नहरों की सिल्ट सफाई झंडी के साथ लाइन डोरी लगाकर इस प्रकार किया जाये कि नहर का संरेखण एवं घुमाव स्थापित रहे. पुलों के नीचे जमा सिल्ट भी विशेष ध्यान देकर साफ कराई जाए. नहरों से निकाली गयी सिल्ट का डिस्पोजल ठीक ढंग से किया जाए. नहर के आंतरिक भाग में सिल्ट न छोड़ी जाये, उसका संतोषजनक डिस्पोजल किया जाए. नहरों से निकाली गयी सिल्ट का उचित डिस्पोजल सुनिश्चित करने के लिये अल्पिकाओं हेतु अवर अभियन्ता एवं राजवाहों हेतु सहायक अभियन्ता व्यक्तिगत रूप से उत्तरदायी होंगे. प्रत्येक माइनर को निरीक्षण कर सिल्ट के समुचित डिस्पोजल कर दिये जाने का प्रमाण-पत्र भी उपलब्ध करायेंगे.
समीक्षा बैठक में प्रमुख सचिव सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग अनिल गर्ग, प्रमुख अभियंता एवं विभागाध्यक्ष अखिलेश सचान, प्रमुख अभियंता परिकल्प एवं नियोजन संदीप कुमार सहित विभिन्न संगठनों के मुख्य अभियंता एवं अन्य अधिकारी उपस्थित थे.
—————
/ श.चन्द्र