यह सिटी नोएडा, दादरी और बुलंदशहर के 84 गांवों की जमीन जोड़कर बनाया जा रहा है. इसका नाम अभी तक दादरी नोएडा गाजियाबाद निवेश क्षेत्र (डीएनजीआइआर) तय हुआ है.
सिंगापुर और शिकागो जैसे शहर की फील सिर्फ विदेश में ही नहीं बल्कि अपने देश में भी मिलने जा रही है. दिल्ली से बस 40 किलोमीटर की दूरी पर ऐसा ही एक नया शहर बसने जा रहा है, जिसे सिंगापुर की तर्ज पर बसाने की योजना बनाई गई है. एनसीआर के 3 बड़े शहरों की जमीन पर बनने जा रहे इस शहर के लिए 84 गांवों की जमीन का अधिग्रहण किया जाएगा. बताया जा रहा है कि यह एनसीआर का सबसे बेहतरीन और प्लानिंग के तहत विकिसित शहर होगा. इतना ही नहीं इस शहर में रोजगार और निवेश के लिए जबर्दस्त मौका मिलने जा रहा है.
यह सिटी नोएडा, दादरी और बुलंदशहर के 84 गांवों की जमीन जोड़कर बनाया जा रहा है. इसका नाम अभी तक दादरी नोएडा गाजियाबाद निवेश क्षेत्र (डीएनजीआइआर) तय हुआ है. न्यू नोएडा के नाम से बन रहे इस शहर को इस तरह डिजाइन किया जाएगा जैसे सिंगापुर को डिजाइन किया गया है. मंगलवार को हुई मीटिंग में मास्टर प्लान 2041 में इस शहर की योजना को पास कर दिया गया है और इसके लिए आंतरिक रूप से 1 हजार करोड़ रुपये का बजट भी पास कर दिया गया है.
कैसा होगा ये शहर
शहर में आवासीय, औद्योगिक,हरियाली और आधुनिक तकनीक से लैस यातायात की सभी आधुनिक सुविधाएं उसी तरह होंगी जैसा दुनिया के चुनिंदा बड़े शहरों में होती हैं. यहां से एनसीआर के बाकी शहरों के लिए सीधी कनेक्टिविटी होगी. 20 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में बसाये जा रहे इस शहर के लिए आद्योगिक विकास आयुक्त और नोएडा प्राधिकरण के चेयरमैन की अध्यक्षता में मीटिंग हुई थी.
कितनी जमीन किसके लिए होगी तय
नया नोएडा को खासतौर से आद्योगिक क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए बसाया जा रहा है. इसमें 41 प्रतिशत जमीन उद्योगों के लिए, 11.5 प्रतिशत आवासीय, 17 प्रतिशत हरियाली और मनोरंजन, 15.5 प्रतिशत सड़क, 9 प्रतिशत संस्थागत और 4.5 प्रतिशत क्षेत्र कमर्शियल प्रॉपर्टी के लिए प्रयोग में लाए जाएंगे. नए नोएडा में कर्मचारियों के लिए आवास की भी सुविधा होगी. इनके लिए ईडब्लूएस, एलआईजी, एमआईजी और एचआईजी घर बनाए जाएंगे. नए नोएडा में उच्च शिक्षा के लिए मेडिकल पैरामेडिकल कॉलेज खोले जाएंगे.
इसलिए होगा ये एनसीआर का बेस्ट शहर
क्रेडाई एनसीआर के अध्यक्ष और गौड़ ग्रुप के चेयरमैन मनोज गौड़ का कहना है कि नए नोएडा के विजन में उद्योगों, कार्यालयों, विश्वविद्यालयों और आवासीय क्षेत्रों के लिए सर्वश्रेष्ठ पैमाने के अनुसार जमीन तय की गई है. इसी तरह यह शहर बसता है तो निश्चित ही आवासीय से लेकर उद्योग और कमर्शियल सभी उद्धेश्यों को पूरा करेगा.
क्यों है नए नोएडा को बसाने की जरुरत
नोएडा का 95 प्रतिशत से ज्यादा हिस्सा विकसित हो गया है केवल नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेसवे से सटे कुछ इलाकों को विकसित किया जाना बाकि है. ऐसे में शहर का विस्तार करने के लिए यहां अब जमीन नहीं बची है. आद्योगिक क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए नया नोएडा बसाने की जरुरत है. वहीं दिल्ली एनसीआर में आबादी बढ़ रही है. ऐसे में वहां पर कुछ हिस्सा आवासीय के लिए भी आरक्षित किया गया है.
मिग्सन ग्रुप के एमडी यश मिगलानी का कहना है कि नए नोएडा में एनसीआर के बाकि शहरों से बेहतर होगी. लोग दिल्ली-एनसीआर की भीड़भाड़ से दूर इस नए शहर की ओर तेजी से आकर्षित होंगे,जिससे क्षेत्र में निवेश बढ़ेगा.
4 जोन में बसेगा ये शहर
नए नोएडा को साउथ जोन, ईस्ट, वेस्ट और नार्थ जोन में बसाये जाने की योजना है. डीएनजीआइआर को कुल 20 हजार हेक्टेयर में फैलाया जायेगा. हर जोन में अलग-अलग इंडस्ट्रियल हब को डेवलप करने की योजना है. यहां प्रस्तावित सड़क, रेलवे लाइन सीधे डीएनजीआइआर को देश की आर्थिक राजधानी मुबंई से जोड़ेगा. साथ ही कच्चा माल व मशीनरी के लिए न्यू नोएडा कोलकाता व लुधियाना शहर से जुड़ जाएगा. एसकेए ग्रुप के डायरेक्टर संजय शर्मा का कहना है कि न्यू नोएडा में काफी संभावनाएं हैं.
360-डिग्री विकास, जिसमें औद्योगिक, कमर्शियल और आवासीय क्षेत्र शामिल हैं, इसे निवेशकों, व्यवसायों और निवासियों के लिए एक आकर्षक केंद्र बनाता है। निश्चित तौर पर आने वाले समय में नोएडा और ग्रेटर नोएडा में निवेश बढ़ेगा.
वहीं साया ग्रुप के सीएमडी विकास भसीन का कहना है कि न्यू नोएडा का विकास पूरे क्षेत्र के लिए गेम-चेंजर साबित होगा. उद्योगों, कार्यालयों, शैक्षणिक संस्थानों और आवासीय क्षेत्रों के साथ यह महत्वाकांक्षी परियोजना नोएडा की आबादी की बढ़ती मांगों को पूरा करने का वादा करती है. नए नोएडा का भविष्य आशाजनक और रोमांचक होने वाला है.
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