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22 साल की महिला ने पैसों के खातिर बेचा कोख! सरोगेसी व्यापार का खुलासा, गर्भपात से हुई हालत खराब

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चीन में सरोगेसी से बच्चा पैदा करना अवैध माना जाता है.  कुछ सरोगेसी सलाहकारों का कहना है कि चीनी सरकार देश की जन्म दर बढ़ाने के लिए अपनी नीति में बदलाव करते हुए इस उद्योग की ओर से आंखें मूंद रही है. अन्य लोगों का कहना है कि यह दावा झूठा है. इस बीच चीन की एक महिला की कहानी सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बन गया है.

एक 22 साल की चीनी महिला ने सोशल मीडिया पर आपबीती सुनाई है. महिला ने बताया कि किस तरह उसे देश के अवैध सरोगेसी व्यापार में फंसाया गया और फिर उसका गर्भपात हो गया. महिला के साथ जो हुआ वह अब सोशल मीडिया पर वायरल है. इस घटना के बाद चीनी सोशल मीडिया में महिला अधिकारों को लेकर बहस भी शुरू हो गई है.

झांग जिंग ने फीनिक्स टीवी पत्रिका को बताया कि वह पैसों की कमी के कारण अपनी जरूरतों को पूरा नहीं कर पा रही थी. इस आर्थिक तंगी में उसने अपने अंडों को बेचने का निर्णय लिया. इसके बाद, उसे 30,000 युआन (लगभग 3 लाख भारतीय रुपये) की राशि में गर्भ धारण करने के लिए तैयार किया गया. झांग को वादा किया गया कि अगर वह सफलतापूर्वक बच्चे को जन्म देती है तो उसे कुल 240,000 युआन (लगभग 24 लाख भारतीय रुपये) दिए जाएंगे.

झांग का वीडियो वीबो (चीन का प्रमुख सोशल मीडिया प्लेटफार्म) पर तेजी से वायरल हो गया और इसे 86 मिलियन से अधिक बार देखा गया. इसके साथ ही, "2000s-born Surrogate Miscarriage Girl Speaks Out" हैशटैग के साथ हजारों टिप्पणियां मिली. अधिकांश लोगों ने सरोगेसी का कड़ा विरोध किया. एक यूजर ने लिखा, "यदि सरोगेसी वैध कर दी जाती है तो महिलाएं इससे बच नहीं पाएंगी." वहीं, एक अन्य व्यक्ति ने लिखा, "सरोगेसी को वैध बनाने से महिलाएं वस्तु बन जाएंगी, उनका शोषण होगा."

बता दें कि चीन में सरोगेसी अवैध है फिर भी, झांग की कहानी जैसे मामलों से यह स्पष्ट होता है कि इस अवैध व्यापार का बाजार अब भी मौजूद है. चीन इस समय जन्म दर को बढ़ाने के लिए चिंतित है, क्योंकि 2023 में देश की जनसंख्या लगातार दूसरे साल घट गई है. अधिकतर युवा जोड़े अब बच्चे पैदा करने से कतराते हैं. इसके बावजूद, चीन में सरोगेसी को लेकर कड़ा रुख अपनाया गया है.

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