आज कल आपने देखा होगा कि कुछ लोग कोई भी प्रॉपर्टी खरीदते हैं तो उसे अपनी पत्नी के नाम करना पसंद करते हैं चाहे वो मकान हो या खाली जमीन। अगर कोई व्यक्ति शादी शुदा नही है तो वह अपनी मां के नाम से प्रॉपर्टी लेता हैं, चाहे पूरी तरह से उनके नाम हो या फिर जॉइंट में हो।
ऐसा करने की वजह हैं कि भारत के कुछ राज्यों में महिला के नाम से प्रॉपर्टी लेने से उन्हें स्टाम्प ड्यूटी पर कुछ प्रतिशत छूट दी जाती हैं। यह छूट अलग अलग राज्यो में अलग अलग दी जाती हैं। इसी का फायदा उठाने के लिए लोग महिला के साथ जॉइंट में भी प्रॉपर्टी लेते हैं।
बहुत से लोग सरकार की सुविधाएं पाने और स्टाम्प ड्यूटी बचाने के लिए अपने घर की महिलाओं के नाम से प्रॉपर्टी खरीदते हैं। लेकिन ऐसा करने से पहले कुछ बातों का खयाल रखना चाहिए नही तो आप इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के पचड़े में पड़ सकते हैं।
जब आप अपनी पत्नी के साथ जॉइंट में कोई प्रॉपर्टी खरीदते हैं तो आप अपनी पत्नी का नाम को-ओनर के रूप में लिखवाते हैं। इसलिए इस बात का ध्यान रखें कि जब आप इनकम टैक्स का रिटर्न भरे तो उस वक़्त जो नोशनल रेंटल इनकम होती हैं उसमे इस बात का ज़िक्र जरूर करें।
जब आप कोई भी प्रॉपर्टी जॉइंट में लेते हैं तो सेल डीड में इस बात को जरूर मेंशन करें कि आप और आपकी पत्नी का उस प्रॉपर्टी में कितना हिस्सा है जैसे कि आप 50 प्रतिशत के हिस्सेदार हैं और आपकी पत्नी भी 50 प्रतिशत की ही हिस्सेदार हैं, या फिर 75-25 प्रतिशत की हिस्सेदारी हैं।
अगर आप यह डिक्लेअर नही करते हैं कि किसकी कितनी हिस्सेदारी हैं तो दोनों की बराबर हिस्सेदारी मानी जायेगी यानी कि 50 प्रतिशत करके दोनो का हिस्सा माना जायेगा। जितने भी टैक्स हैं, टी डी एस हैं, सब इसी हिसाब से काटे जाएंगे।
इसलिए कभी भी जॉइंट में प्रॉपर्टी लेने से ध्यान रखें कि इनकम टैक्स डिपार्टमेंट को पूरी तरह से और सही जानकारी दे, आपके सारे डॉक्यूमेंट सही हो, रेजिस्टरी करते वक़्त अपनी पत्नी का हिस्सा जरूर दिखाए और अपने वकील से या फिर सलाहकार से इस बारे में पूरी जानकारी हासिल करने के बाद ही कोई कदम उठाये।
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