Top News
Next Story
NewsPoint

ईश विश्कर्मा हमें - डॉ सत्यवान सौरभ

Send Push

विश्वकर्मा जगत बसे, सुन्दर सर्जनकार।
नव्यकृति नित ही गढ़े, करे रूप साकार।।

अस्त्र-शस्त्र सब गढ़े, रचे अटारी धाम।
पूज्य प्रजापति श्री करे, सौरभ पावन काम।।

गढ़ते तुम संसार को, रचते नव औजार
तुम अभियंता जगत के, सच्चे तारणहार।।

तुमसे वाहन साधन है, जीवन के आधार।
तुमसे ही यश-बल बढे, तुमसे सब उपहार।।  

ईश विश्वकर्मा करे,  कैसे शब्द बखान।
जग में मिलता है नहीं, बिना आपके ज्ञान।।

आप कर्म के देवता, कर्म ज्योति का पुंज।
ईश विश्कर्मा जहाँ, सुरभित होय निकुंज।।

सृष्टि कर्ता अद्भुत सकल, बांटे हित का ज्ञान।
अतुल तेज़ सौरभ भरे, हरते सभी अज्ञान।।

भरते हुनर हाथ में, देकर शिल्प विज्ञान।
ईश विश्कर्मा हमें, देते नव पहचान।।

ईश विश्कर्मा हमें, दीजे दया निधान।
बैठा सौरभ आपके, चरण कमल धर ध्यान।।  
---डॉ सत्यवान सौरभ उब्बा भवन, आर्यनगर, हिसार (हरियाणा) -127045 
 

Explore more on Newspoint
Loving Newspoint? Download the app now