नैनीताल। स्टोन क्रशरों पर अवैध खनन एवं भंडारण करने पर 50 करोड़ से अधिक का जुर्माना माफ करने को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई की और निदेशक व सचिव खनन को अगली सुनवाई की 15 अक्टूबर को फिर से पेश होने के निर्देश दिए।
मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति ऋतु बाहरी व न्यायमूर्ति पंकज पुरोहित की खंडपीठ में सोमवार को चोरगलिया निवासी भुवन पोखरिया की जनहित याचिका पर सुनवाई हुई। इस दौरान सचिव खनन बीके संत की ओर से कोर्ट में शपथ पत्र पेश किया गया।
सचिव के शपथ पत्र के अनुसार 2016 से अब तक नैनीताल जिले में 23 केस अवैध भंडारण व अन्य में दर्ज हुए, जिसमें से 18 का जुर्माना माफ किया गया और पांच का कम किया गया। याचिकाकर्ता ने शपथ पत्र को सूचना का अधिकार अधिनियम से प्राप्त जानकारी में विरोधाभासी करार दिया है। जनहित याचिका में कहा गया था कि नैनीताल में 201-16 में क्रशरों पर लगा करीब 50 करोड़ से अधिक जुर्माना माफ कर दिया। इसकी शिकायत मुख्य सचिव व सचिव खनन से की गई, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई।
शासन की ओर से कहा गया कि यह जिलाधिकारी का विशेषाधिकार है, लेकिन आज तक शासन ने लिखित जवाब नहीं दिया। याचिका में मामले की जांच की मांग की गई है।