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Pali न्यायिक अधिकारियों की कार्यशाला, नए कानूनों पर किया मंथन

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पाली न्यूज़ डेस्क,   राजस्थान राज्य न्यायिक अकादमी के तत्वावधान में पाली, सिरोही व जालोर न्याय क्षेत्र में पदस्थापित न्यायिक अधिकारियों की कार्यशाला रविवार को सोजत मार्ग स्थित एक रिसोर्ट में आयोजित की गई। इसके प्रथम सत्र में भारतीय न्याय संहिता 2023 के नवीन प्रावधानों का विवेचन किया गया। नए प्रावधानों के तहत शरीर एवं संपत्ति, बच्चों एवं स्त्रियों के बारे में अपराधों व दंड के विभिन्न प्रावधानों, भारतीय दंड संहिता 1860, भारतीय न्याय संहिता के कानूनी प्रावधानों का तुलनात्मक विवेचन कर चर्चा की गई।

राजस्थान उच्च न्यायालय के न्यायाधीश योगेन्द्र कुमार पुरोहित की अध्यक्षता में आयोजित कार्यशाला के दूसरे सत्र में भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 के नए प्रावधानों के तहत प्रथम सूचना दर्ज करने, अभिुयक्त की गिरफ्तारी व जमानत, विचारण का प्रारंभ व प्रक्रिया, पीडित केंद्रित सुधारों, इलेक्ट्रोनिक माध्यमों के विचारण विभिन्न चरणों में लागू करने, दंड प्रक्रिया संहिता 1973 के प्रावधानों, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 के पुराने व नए प्रकरणों में लागू करने की प्रक्रिया व प्रभावों के बारे में परिचर्चा हुई।

न्यायिक निर्णय बताए

कार्यशाला में सर्वोच्च न्यायालय व राजस्थान उच्च न्यायालय की ओर से पारित महत्वपूर्ण न्यायिक निर्णय के विभिन्न मार्गदर्शी बिन्दुओं को बताया गया। न्यायाधीशों ने कानूनी सवालों का जवाब देते हुए मार्गदर्शन किया। सुझाव भी दिए।

ज्ञान की होती वृद्धि

न्यायाधीश पुरोहित ने कहा कि न्यायिक अकादमी की ओर से आयोजित सेमिनारों से न्यायिक अधिकारियों के ज्ञान में वृद्धि होती है। कानून संबंधी सभी जटिल प्रश्नों के संबंध में संशय दूर होते है। कार्यशाला में जिला एवं सेशन न्यायाधीश पाली राजेन्द्र कुमार, सिरोही की रूपा गुप्ता, जालोर के जिला एवं सेशन न्यायाधीश हारून सहित 56 न्यायिक अधिकारियों ने विचार रखे। संचालन ग्राम न्यायालय पाली की न्यायाधीश उर्मी व्यास व विशिष्ठ न्यायिक मजिस्ट्रेट एनआई एक्ट केसेज, नं एक पाली आशा गुणपाल ने किया।

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