आखिरकार दोनों पक्षों की लम्बी बहस, तथ्यों की पड़ताल व पुराना रेकॉर्ड खंगालने आदि के बाद जल संसाधन विभाग के प्रस्ताव के अनुसार ही रेग्यूलेशन निर्धारित किया गया। बीच में दो बार समीक्षा बैठक कर पानी की उपलब्धता के आधार पर निर्णय करने पर सहमति जताई गई। बैठक में सांसद कुलदीप इंदौरा, बाड़मेर सांसद उम्मेदाराम, हनुमानगढ़ विधायक गणेशराज बंसल, पीलीबंगा विधायक विनोद गोठवाल, रायसिंहनगर विधायक सोहनलाल नायक, अनूपगढ़ विधायक शिमला नायक, सूरतगढ़ विधायक डूंगरराम गेदर, खाजूवाला विधायक डॉ. विश्वनाथ, भारतीय किसान संघ रावला के प्रेम देहड़ू आदि ने रेग्यूलेशन पर चर्चा कर सुझाव दिए।
डायवर्जन से पानी की नहीं उम्मीद
मुख्य अभियंता रुस्तगी ने कहा कि फिलहाल तकनीकी रूप से चार में से दो समूह चलाना संभव नहीं। रणजीत सागर बांध में बिलकुल पानी नहीं है। इसलिए डायवर्जन से पानी मिलने की कोई उम्मीद नहीं है। ऐसी स्थिति में जब पंजाब की खुद की डिमांड है, एकमात्र पोंग बांध ही सोर्स है। किसान प्रतिनिधियों ने कहा कि अक्टूबर में गेहूं की बिजाई के समय चार में से दो ग्रुप व उसके बाद तीन में से एक ग्रुप चलाए जाने का प्रस्ताव सरकार को भिजवाया जाए। यदि प्रस्ताव पर मुहर नहीं लगती है तो किसान संघर्ष करने को मजबूर होगा।
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