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Bikaner आपूर्ति सुधरी तो पांच गुना मिलेगा सिंचाई पानी, नहीं तो चार गुना मिलेगा

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बीकानेर न्यूज़ डेस्क, बीकानेर इन्दिरा गांधी नहर परियोजना के प्रथम चरण का रेग्यूलेशन निर्धारण करने के लिए सोमवार को जल परामर्शदात्री समिति की बैठक जंक्शन स्थित जल संसाधन विभाग (उत्तर) के मुख्य अभियंता कार्यालय में हुई।मुख्य अभियंता प्रदीप रुस्तगी की अध्यक्षता में हुई बैठक में करीब तीन घंटे तक रेग्यूलेशन पर मंथन किया गया। जल संसाधन विभाग के प्रस्ताव को समिति सदस्यों तथा किसान प्रतिनिधियों ने यह कहकर नकार दिया कि इससे तो काश्तकार ढंग से फसलों की बुवाई भी नहीं पाएंगे। विभाग पर्याप्त पानी देकर फसलों की बुवाई करवा दे, बाद की बाद में देखी जाएगी। कांग्रेस सांसदों और विधायकों ने कहा कि किसानों की पानी संबंधी डिमांड सरकार के संज्ञान में भी लाई जाए ताकि पंजाब सरकार से बात कर किसानों को राहत दिलाई जा सके।

आखिरकार दोनों पक्षों की लम्बी बहस, तथ्यों की पड़ताल व पुराना रेकॉर्ड खंगालने आदि के बाद जल संसाधन विभाग के प्रस्ताव के अनुसार ही रेग्यूलेशन निर्धारित किया गया। बीच में दो बार समीक्षा बैठक कर पानी की उपलब्धता के आधार पर निर्णय करने पर सहमति जताई गई। बैठक में सांसद कुलदीप इंदौरा, बाड़मेर सांसद उम्मेदाराम, हनुमानगढ़ विधायक गणेशराज बंसल, पीलीबंगा विधायक विनोद गोठवाल, रायसिंहनगर विधायक सोहनलाल नायक, अनूपगढ़ विधायक शिमला नायक, सूरतगढ़ विधायक डूंगरराम गेदर, खाजूवाला विधायक डॉ. विश्वनाथ, भारतीय किसान संघ रावला के प्रेम देहड़ू आदि ने रेग्यूलेशन पर चर्चा कर सुझाव दिए।

डायवर्जन से पानी की नहीं उम्मीद

मुख्य अभियंता रुस्तगी ने कहा कि फिलहाल तकनीकी रूप से चार में से दो समूह चलाना संभव नहीं। रणजीत सागर बांध में बिलकुल पानी नहीं है। इसलिए डायवर्जन से पानी मिलने की कोई उम्मीद नहीं है। ऐसी स्थिति में जब पंजाब की खुद की डिमांड है, एकमात्र पोंग बांध ही सोर्स है। किसान प्रतिनिधियों ने कहा कि अक्टूबर में गेहूं की बिजाई के समय चार में से दो ग्रुप व उसके बाद तीन में से एक ग्रुप चलाए जाने का प्रस्ताव सरकार को भिजवाया जाए। यदि प्रस्ताव पर मुहर नहीं लगती है तो किसान संघर्ष करने को मजबूर होगा।

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