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Udaipur आदमखोर का खौफ बरकरार, 9 डीएफओ और 16 रेंजर्स मैदान में

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उदयपुर न्यूज़ डेस्क, उदयपुर गोगुंदा में 13 दिन में 7 लाेगाें की जान लेने वाले पैंथर को पकड़ना अब मानो अफसरों के लिए भी नाक का सवाल हो गया है। घेरे जाने के दावों और जगह बदलने की आशंकाओं के बीच शिकारी एक हफ्ते से चकमा ही दिए जा रहा है। अब सोमवार से दूसरी टीम इस ऑपरेशन में जुटेगी।इस काम के लिए दाे इमरजेंसी रिस्पाॅन्स टीम बनाई गई थी। सीसीएफ-वाइल्ड लाइफ जयपुर टी. माेहन राज की अगुवाई में पहली टीम ने 4 से 6 अक्टूबर तक प्रयास किए। इसमें सरिस्का फील्ड डायरेक्टर संग्राम सिंह और रामगढ़ विषधारी डीएफओ संजीव शर्मा भी थे। अब दूसरी टीम 7 से 9 अक्टूबर तक ऑपरेशन चलाएगी।

इसमें अतिरिक्त प्रधान मुख्य वन संरक्षक (एडिशनल पीसीसीएफ) वाइल्ड लाइफ राजेश गुप्ता, रणथंभाैर के फील्ड डायरेक्टर अनूप केआर और केवलादेव नेशनल पार्क के डीएफओ मानस सिंह शामिल हैं। ये टीम सोमवार को फील्ड में पहुंचेगी। लगातार रणनीति और लीडर भी बदलने के बावजूद नतीजा फिलहाज शून्य है।फील्ड में तैनात कर्मचारियाें का मानना है कि पैंथर मीलों दूर से गंध और हलचल को भांप लेते हैं। गांव में टीमों के साथ सैकड़ों लोगों और दिन-रात वाहनों की आवाजाही है। सीमित टीमाें और अधिकारियाें काे लगाकर ऑपरेशन होना चाहिए। भीड़ और शाेर नहीं हुआ, तभी पैंथर बाहर आएगा। बता दें, मौके पर उदयपुर वन मंडल के कुकावास, काेटड़ा, देवला, गाेगुंदा, सायरा, उदयपुर शहर, भींडर रेंजर की ड्यूटी लगी है। जयसमंद रेंजर, राजसमंद से 2, चित्ताैड़गढ़ वन्यजीव से एक, वन मंडल से 4 और डूंगरपुर से एक रेंजर की भी तैनाती है।

माैके पर अधिकारियाें, रेंजर, शूटर, फाॅरेस्टर, फाॅरेस्ट गार्ड और ड्राइवराें समेत 100 लोग डटे हैं। इनके अलावा अतिरिक्त प्रधान मुख्य वन संरक्षक (एडिशनल पीसीसीएफ) वेंकटेश शर्मा, सीसीएफ वन्यजीव और उदयपुर संभाग प्रभारी सीआरवी मूर्ति, सीसीएफ सुनील चिद्री, रामगढ़ विषधारी अभयारण्य के डीसीएफ संजीव शर्मा, राजसमंद डीएफओ सुदर्शन शर्मा, डीएफओ मुकेश सैनी, डीएफओ अजय चित्ताैड़ा, डीएफओ शैतान सिंह देवड़ा, डीएफओ उमेश बंसल, डीएफओ याघवेंद्र सिंह, डीएफओ डीके तिवारी भी मौके पर हैं।

2 कंट्रोल रूम, टीम में शूटर-रेंजर-फॉरेस्टर समेत 100 लोग

वन विभाग ने आदमखोर को पकड़ने राठाैड़ाें का गुड़ा और गाेगुंदा रेंज में दाे कंट्राेल रूम बनाए हैं। स्कूल में डीएफओ मुकेश सैनी, डीएफओ उमेश बंसल, डीएफओ याघवेंद्र सिंह की ड्यूटी है। यहीं से पूरे अभियान काे कंट्राेल किया जा रहा है।

दूसरी तरफ गाेगुंदा में डीएफओ अजय चित्ताैड़ा, डीएफओ डीके तिवारी और डीएफओ शैतान सिंह देवड़ा तैनात हैं। इस कंट्राेल रूम से सरकार काे हर जानकारी दी जा रही है। रविवार सुबह 8:30 बजे राठाैड़ाें का गुड़ा के पास शिवालिक डैम पर पैंथर के मूवमेंट की सूचना मिली।

टीमाें ने घेरा बनाकर तलाश की, लेकिन शिकारी नहीं दिखा। केलवाें का खेड़ा में भी टीम ने गश्त की। ट्रैप कैमरों में भी कहीं भी पैंथर का मूवमेंट दर्ज नहीं हुआ। शाम काे आसपास के नए एरिया में ट्रैप कैमरे लगाए गए। टीमाें काे जंगल में मचान पर तैनात किया गया है।

राज्य-संभाग-जिला स्तर पर अफसरों की निगरानी

राज्य स्तरीय : अतिरिक्त प्रधान मुख्य वन संरक्षक (एडिशनल पीसीसीएफ) वेंकटेश शर्मा
संभाग स्तरीय : सीसीएफ वन्यजीव और उदयपुर संभाग प्रभारी सीआरवी मूर्ति, सीसीएफ सुनील चिद्री, सीसीएफ (वाइल्ड लाइफ) जयपुर टी. मोहन राज
जिला स्तरीय : सरिस्का के फील्ड डायरेक्टर संग्राम सिंह, कोटा के रामगढ़ विषधारी अभयारण्य के डीएफओ संजीव शर्मा, राजसमंद डीएफओ सुदर्शन शर्मा, डीएफओ मुकेश सैनी, डीएफओ अजय चित्ताैड़ा, डीएफओ शैतान सिंह देवड़ा, डीएफओ उमेश बंसल, डीएफओ याघवेंद्र सिंह, डीएफओ डीके तिवारी
जयपुर से माॅनिटरिंग : वन्यजीव प्रतिपालक पीके उपाध्याय भी गाेगुंदा पहुंचे थे। यहां के हालात देखने के बाद उन्होंने पैंथर काे सशर्त शूट करने का आदेश दिया था। अभी जयपुर से माॅनिटरिंग कर रहे हैं।


तीन महीने में 10 लोगों को मारा, अकेले गोगुंदा में 7 का शिकार

23 जून फलासिया एरिया के जंगलों में महुआ लेने गए लक्ष्मीलाल भाट (55) का शिकार किया।
16 अगस्त : फलासिया धरेल महादेव में 10 साल के बच्चे शिव कुमार खराड़ी का शिकार किया।
8 सितंबर : झाड़ाेल के कीरट में में रामली बाई (45) का शिकार कर दिया।


18 सितंबर : छाली ग्राम पंचायत के उंडीथल गांव में जंगल में बकरी चराने गई कमला गमेती(16) का शिकार किया।
19 सितंबर : छाली ग्राम पंचायत के भेवड़िया गांव में खेत पर गए खुमाराम गमेती (45) का तेंदुए ने शिकार किया।
20 सितंबर : छाली पंचायत के उमरिया गांव के हमेरी गमेती (50) काे शिकार बनाया।
25 सितंबर : मजावद पंचायत के कुरड़ाऊ गांव में 6 साल की बच्ची सूरज का शिकार किया।
28 सितंबर : बगडूंदा ग्राम पंचायत के गुर्जराें का गुड़ा में गटू बाई गुर्जर (55) का तेंदुए ने शिकार बनाया।
30 सितंबर : राठौड़ों का गुड़ा निवासी पुजारी विष्णु पुरी (65) पर तेंदुए ने हमला किया था।
1 अक्टूबर : विजय बावड़ी के केलवाें का खेड़ा में कमला राजपूत (50) का शिकार किया था।
 

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