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Bikaner गायब हो रहा सांगरी का स्वाद, कैर और फोगला भी अंतिम चरण में

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बीकानेर न्यूज़ डेस्क, बीकानेर धोरों की धरती कहे जाने वाले बीकानेर के छतरगढ़ में यूं तो हरियाली देखने को नहीं मिलती। कीकर, खेजड़ी, रोहिड़ा और कैर की झाडियां जैसी मरुस्थलीय वनस्पतियां ही छिट-पुट प्राकृतिक रूप से दिखाई देती हैं। उन्हें भी इन दिनों औद्योगीकरण की मार का असर झेलना पड़ा है। सड़क निर्माण और नहरों के लिए जमीन अधिग्रहण के साथ खासतौर से सौर ऊर्जा कम्पनियों की आमद ने भी इन पर खासा असर डाला है। नतीजतन गांवों की रसोइयों से अब कैर, सांगरी, कुमठा, फोगला, खींप और काचर जैसी पारंम्परिक सब्जियों की महक तकरीबन गायब ही हो गई है।

किल्लत हुई, तो भाव भी पहुंचे आसमान पर

छतरगढ़ सहित आसपास गांवों में इन सब्जियों की किल्लत के कारण इनके भाव भी अब आसमान छूने लगे हैं। खासतौर से गरीब की थाली का व्यंजन होने के साथ ही उन्हें पोषण देने वाली ये सब्जियां रेगिस्तान में बहुतायत में होती थीं। परन्तु रेतीले धोरों के सोलर प्लांट्स, नहरों और सड़कों की जद में आने से अब इनका प्राकृतिक रूप से पैदा होना बंद सा हो गया है। ऋतु परिर्वतन भी इसका एक बड़ा कारण बन रहा है।

हब बनता जा रहा है इलाका

आंकड़ों के लिहाज से देखें, तो छतरगढ़ उपखंड सहित बीकानेर जिले के तकरीबन तीन दर्जन गांवों की करीब 45 हजार बीघा जमीन पर सोलर प्लांट लग चुके हैं। उपखंड में दो जगहों पर अभी सौर प्लांट का काम प्रगति पर है। ग्रीन एनर्जी कॉरिडोर से जुड़ने के बाद छतरगढ़, पूगल, कोलायत व बीकानेर जिले के आसपास का बीरानी क्षेत्र सोलर एनर्जी का हब बनता जा रहा है। छतरगढ़, जामसर ,बांदरवाला, करणीसर भाटियान और लूणकरनसर जैसे क्षेत्र के गांवों में बड़े पैमाने पर इन दिनों सोलर प्लांट्स का काम चल रहा है।

बिजली उत्पादन भी बढ़ा

बीकानेर जिले भर में फिलहाल करीब दस हजार मेगावाट सोलर एनर्जी का उत्पादन हो रहा है। जबकि आने वाले दिनों में 14 हजार मेगावाट का आंकड़ा पार कर लेगा।लोगों की शिकायत है कि सोलर प्लांट्स के लिए प्राकृतिक वनस्पतियों की बलि ली जा रही है, जिसका असर इन सब्जियों पर पड़ रहा है। पिछले कई सालों में लाखों बीघा जमीनें पेड़ विहीन सी हो गई हैं। रेतीले इलाकों में इन वनस्पतियों के नष्ट होने से बाजार में कैर, सांगरी, खींप, फोगला आदि गायब से हो गए हैं। सांगरी की कीमत आठ सौ से हजार रुपए प्रति किलो तक जा रही है। इसी तरह से फोगला, कैर, कुमठा बाजारों में बेहद सीमित मात्रा में ही उपलब्ध हो रहा है।

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