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Sikar अजीतगढ़ की रामलीला में दशरथ ने पुत्रयेष्टि यज्ञ करवाया

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सीकर न्यूज़ डेस्क, नवयुवक रामलीला नाट्य कला मंडल के तत्वावधान में दशहरा पर्व के उपलक्ष्य में शहर के मुख्य चौराहे पर मंडल अध्यक्ष श्रवण लाल पारीक व कार्यकारी अध्यक्ष पंडित जुगल किशोर जोशी के नेतृत्व में रामलीला का मंचन किया जा रहा है। रामलीला के तीसरे दिन बुधवार को 49वें वर्ष में 576वीं प्रस्तुति का मंचन किया गया। अयोध्या के चक्रवर्ती सम्राट ब्रह्मर्षि कुलगुरु वशिष्ठ के निर्देशानुसार श्रृंगी ऋषि द्वारा पुत्रयेष्टि यज्ञ कराया गया। यज्ञ के फलस्वरूप भगवान विष्णु ने मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम के रूप में अवतार लिया। मंडल निर्देशक दिनेश गोविंद शर्मा ने महाराज दशरथ की भूमिका निभाई। मंच पर श्रीराम जन्म की भव्य लीला देख दर्शक आनंदित हो उठे।

मंगलवार को लीला में राक्षस संस्कृति के प्रवर्तक लंका के राजा रावण का जन्म हुआ। रावण, कुंभकरण, विभीषण ने सृष्टि के रचयिता पितामह ब्रह्मा की तपस्या की। ब्रह्मा जी ने तपस्या से प्रसन्न होकर रावण ने तीन लोक व चौदह भुवनों का राज, कुंभकरण ने छह माह की नींद व एक दिन जागने का वरदान मांगा तथा विभीषण ने भगवान की भक्ति का वरदान मांगा। निर्देशक दिनेश गोविंद शर्मा ने बताया कि नवरतन शर्मा ने राम, वैभव जोशी ने लक्ष्मण, गौरव जोशी ने भरत, बसंत जोशी ने शत्रुघ्न, श्रवण लाल पारीक ने सुमंत, जगदीश स्वामी ने वशिष्ठ, हेमंत पारीक ने रावण, मोनू सोनी ने विभीषण, भोलूराम बड़सीवाल ने विदूषक की भूमिका निभाई। दूसरे दिन की लीला का मंचन सह निर्देशक भरत सिंह के निर्देशन में हुआ। पंडित तुलसी किशोर शर्मा ने मंच से रामचरित मानस की चौपाइयां सुनाई।

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