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Jodhpur रोजाना दस करोड़ का कारोबार, लेकिन नहीं सुलझ रही समस्याएं

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जोधपुर न्यूज़ डेस्क, जोधपुर भीतरी क्षेत्र के सर्राफा बाजार, कपड़ा बाजार, कटला बाजार, आडा बाजार, कंदोई बाजार, तंबाकू बाजार, मोती चौक, माणक चौक, घासमंडी सहित अन्य कई बाजारों में दस हजार से अधिक दुकानों पर भारी मात्रा में खरीदारी के लिए लोगों की भीड़ उमड़ती है। त्योहारों और शादी समारोहों के लिए शहरवासियों के साथ-साथ ग्रामीण क्षेत्र के करीब तीस हजार लोग प्रतिदिन खरीदारी करने यहां आते हैं। करीब 10 करोड़ रुपए का कारोबार होता है। दिन में तीन से चार घंटे तक भीड़ उमड़ने से मार्ग बाधित रहता है। भीतरी क्षेत्र की सड़कें संकरी होने व व्यापारियों के अपने दुकानों के आगे वाहन खड़े करने से ये रास्ता ओर अधिक संकरा हो जाता है। वहीं खरीदारी करने आने वाले लोगों के वाहन और यहां से निकलने वाले ऑटोरिक्शा की वजह से लोगों को निकलने में परेशानी होती है। ऐसे में त्योहारी सीजन की रौनक के साथ ही बढ़ता जाम और अतिक्रमण इन बाजारों की पहचान को प्रभावित करने लगा है।

बाजारों में प्रमुख समस्याएं

बाजारों में पार्किंग की सुविधा नहीं होने से बढ़ता जाम एक गंभीर समस्या बन रहा है।

दुकानों के आगे ठेले व टेबलों से अस्थायी अतिक्रमण दिन-प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है।

सुलभ शौचालयों की व्यवस्था नहीं होने से परेशानी झेलनी पड़ती है।

वनवे की व्यवस्था होने के बावजूद ऑटोरिक्शा सहित अन्य वाहनों का प्रवेश बंद नहीं हो रहा है।

संकरे बाजार में पटाखों की दुकानों को लाइसेंस देने से हादसे का भय सताता है।

घंटाघर से आड़ा बाजार तक जाम

घंटाघर के बाहर से लेकर आड़ा बाजार तक पार्किंग की व्यवस्था नहीं होने से सड़क किनारे वाहनों को लगाना पड़ता है। ऐसे में व्यापारी से लेकर खरीदारी करने आने वाले ग्राहकों तक के वाहन दुकानों के आगे लगे रहते हैं। वहीं संकरा रास्ता होने के बावजूद कई दुकानों के आगे ठेले व टेबलें लगाकर अतिक्रमण कर रखा है। इससे पूरे रास्ते में जाम के हालात बने रहते हैं। दूसरी ओर वन वे की व्यवस्था होने के बावजूद ऑटोरिक्शा के आने-जाने से हालात ओर भी गंभीर हो जाते हैं। नगर निगम की ओर से अतिक्रमण को नियंत्रित करने के प्रयास नहीं करने से हर दिन सड़कों पर वाहनों का जाम लगा रहता है और व्यापारियों के साथ-साथ ग्राहकों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

संकरी गली में पटाखों की दुकानें

भीतरी क्षेत्र के संकरे बाजार में पटाखों की कई दुकानें हैं। इन दुकानों को नगर निगम की ओर से लाइसेंस दिया जाता है। यहां कपड़ों, चूड़ियां, हौजरी, आभूषण, फैंसी आइटम सहित हर तरह के व्यापार की दुकानों के साथ ही पटाखों की दुकान होने से हादसा घटित होने की आशंका बनी रहती है। तंग गलियां होने से फायरब्रिगेड का यहां पहुंचना भी मुश्किल होता है। वहीं बाजार में शौचालय की सुविधा नहीं होने से भी ग्राहकों को परेशानी होती है। भीतरी क्षेत्र में सड़कें भी बदहाल हैं। सड़कों के आधे भाग में तो ठेले वालों ने अतिक्रमण कर रखा है। इससे तंग गलियां और संकरी हो जाती हैं और लोगों को पैदल चलने में भी परेशानी होती है।

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