एसआरजी चिकित्सालय में न्यूरों विभाग में बुधवार व शुक्रवार दो ही दिन ओपीडी होती है, ऐसे में जगह कम होने से पैर रखने तक की जगह नहीं होती है। एक दिन में ढ़ाई से तीन सौ मरीज आते हैं। जिनमें से कई गंभीर मरीज होने के बाद भी उन्हे घंटो खड़े रहकर अपनी बारी का इंतजार करना पड़ रहा है। टीम ने बुधवार को मौके पर जाकर पड़ताल की तो कई मरीज तपाक से बोले की दो से ढ़ाई घंटा खड़े रहना पड़ रहा है, चिकित्सा प्रशासन को कम से बैठने की व्यवस्था तो करनी चाहिए।
इतने मरीज एक दिन में
एसआरजी चिकित्सालय के ब्लड बैंक के पास ही न्यूरो विभाग की ओपीडी है, जहां शुक्रवार व बुधवार को ही मरीज देखे जाते हैं। एक दिन में करीब तीन सौ मरीज आते हैं। मरीजों की कतार इतनी लंबी होती है कि एक तरफ पुरूष व दूसरी तरफ महिलाएं खड़ी रहती है। डॉक्टर के कक्ष में व बाहर पैर रखने तक की जगह नहीं रहती है। वहीं जिस कमरे में डॉक्टर मरीजों को देखते हुए नजर आए वह भी बहुत छोटा है।
रूम है लेकिन ताले लगे
जब मरीजों से बात की तो कई मरीजों ने कहा कि यहां बैठने की जगह नहीं है, पास में एक बड़ा रूम है, जिस पर हमेशा ताला लगा रहता है। वो मरीजों को देखने के लिए दिया जाएं तो वहां आसानी से मरीज बैठ सकते हैं व डॉक्टर आसानी से देख पाएंगे।
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