भीलवाड़ा न्यूज़ डेस्क, भगवान निराकार है भक्त उसकी जिस रूप में कल्पना करता है वह उसी में साकार हो जाते है। ज्ञान व बैराग से भगवान मिलेंगे या नहीं ये तो पता नहीं पर भक्ति व प्रेम के वश में भगवान जरूर होते है। ज्ञानी, जिज्ञासु, अर्थाथी व आर्द भाव रखने वाले भगवान को पाने की कोशिश में रहते जबकि भगवान उस भक्त को ढूंढते है जो उसका प्रेमी होता है। भगवान अपने भक्त की हर कामना पूर्ण करते है।
ये विचार कथावाचक पूज्य राजन महाराज ने श्रीसंकट मोचन हनुमान मंदिर ट्रस्ट एवं श्री रामकथा सेवा समिति भीलवाड़ा के तत्वावधान में नगर निगम के चित्रकूटधाम में आयोजित नौ दिवसीय श्री रामकथा महोत्सव के तीसरे दिन कथावाचन के दौरान व्यक्त किए। संकटमोचन हनुमान मंदिर के महन्त बाबूगिरीजी महाराज के सानिध्य में आयोजित कथा में तीसरे दिन श्रीराम जन्मोत्सव मनाया गया। इस अवसर पर मंच एवं पांडाल में विशेष सजावट भी की गई। राम जन्मोत्सव प्रसंग सुनने के लिए धर्मनगरी भीलवाड़ा के भक्तगण उमड़ पड़े एवं जिसे जहां जगह मिली वहीं बैठ भक्तिभाव से कथाश्रवण करता दिखा।