जोधपुर न्यूज़ डेस्क, जोधपुर 17 साल लंबे इंतजार के बाद जसवंत सागर बांध में गत माह 4 दिन तक चादर चली तो पूरे बिलाड़ा क्षेत्र के किसानों की खुशी का ठिकाना नहीं रहा, लेकिन ज्यों-ज्यों एक-एक दिन बीता बांध का जलस्तर लगातार कम होने लगा। गत माह 14 से 19 सितंबर के बीच बांध का गेज 26.50 फीट (1442 एमसीएफटी) पर था।अब 17 दिन बाद सोमवार सुबह तक बांध का गेज 21.50 फीट रह गया, जो करीब 685.97 एमसीएफटी है, यानी...बांध में केवल 48% पानी बचा है, जबकि 52 फीसदी पानी पूरी तरह से जमीन में रिस चुका है। चूंकि 10 फीसदी पानी को रिजर्व रखना पड़ता है, ऐसे में घटते जल स्तर से इसके बचाव की उम्मीद भी कम हो गई है। जिसके कारण 13 गांवों के किसानों की चिंताएं बढ़ गई है।
सहायक अभियंता दीपक जाटोल ने बताया कि सिंचाई के लिए नहरों की सफाई का काम युद्धस्तर पर जारी है। उन्होंने बताया कि 9 अक्टूबर को कलेक्टर की अध्यक्षता में बैठक रखी गई है। जिसमें तय किया जाएगा कि कब पानी छोड़ना है और बांध में कितना पानी रखा जाए।ऑपरेशनल लॉसेज व सीपेज लॉसेज से कम हो रहा पानी काजरी जोधपुर के जल विज्ञान के प्रधान वैज्ञानिक के डॉ. आरके गोयल ने बताया कि बांध में इतने सालों बाद पानी आया है। कहीं भी लीकेज होगा तो पानी उसमें जाएगा। ये पानी नीचे जाएगा तो रिचार्ज करेगा।