Top News
Next Story
NewsPoint

Nagaur पांच महीने में नसबंदी के 26 ऑपरेशन फेल

Send Push

नागौर न्यूज़ डेस्क, करीब पांच महीने में नसबंदी के 26 ऑपरेशन फेल हो चुके हैं। यह वो संख्या है जो विभाग या सरकार तक पहुंची। वास्तविक संख्या इससे काफी अधिक है। दूरदराज के ग्रामीण इलाकों में ऑपरेशन फेल होने पर सरकार से मिलने वाले मुआवजे के बारे में भी लोगों को जानकारी नहीं है। पिछले तीन साल का आकलन करें तो फेल ऑपरेशन की संख्या में इजाफा हुआ है। सूत्रों के अनुसार वर्ष 2024-25 के एक अप्रेल से 31 अगस्त यानी करीब पांच महीने में नागौर जिले में नसबंदी के 3056 ऑपरेशन हुए इनमें करीब 26 फेल रहे, जबकि पिछले साल वर्ष 2025-24 में पांच हजार 798 ऑपरेशन में फेल केस की संख्या 29 रही। इससे जाहिर होता है कि औसतन इस बार बिगड़ने वाले ऑपरेशन अधिक हैं। इन दो साल में हम अकेले नागौर की बात कर रहे हैं। इससे पहले वर्ष 2022-23 (नागौर-डीडवाना) में करीब साढ़े ग्यारह हजार ऑपरेशन में सिर्फ 19 ही फेल पाए गए थे।

यह सरकार के पास पहुंचने वाले आंकड़े हैं । निजी अस्पतालों के ऐसे मामलों की ना तो ठीक ढंग से गणना हो पा रही है ना ही सरकारी स्तर पर इसके लिए कोई ठोस तरीका है। यह बात सही है कि नसबंदी से मिलने वाली सहायता के चलते ग्रामीण महिलाएं सरकारी अस्पताल ही चुनती हैं। जबकि शहरी महिलाएं निजी अस्पताल को तरजीह दे रही हैं। पिछले कुछ सालों में नसबंदी के मामले में खासा बदलाव तो नहीं हुआ पर पहले ही बहुत कम पुरुषों के मुकाबले अब महिलाओं की संख्या भी घट रही है।इतने केस तो दरअसल फेल होते ही हैं, यह औसत पूरे वर्ल्ड में ही है। फेल केस में पीड़िता दावा करती है तो कमेटी जल्द से जल्द मुआवजा दिलाती है। अभी मुआवजे का कोई केस पेंडिंग नहीं है। महिलाओं में शिक्षा के साथ जागरूकता बढ़ी है, ऐसे में नसबंदी को अब प्राथमिकता देना कम कर दिया है। संतान नहीं चाहने, उनके बीच गैप रखने के लिए इतने साधन हैं, इसके चलते भी इसमें कमी आई है।

Explore more on Newspoint
Loving Newspoint? Download the app now