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Kota पहली बार मेले में उद्घाटन के दिन से ही रौनक रहेगी, 380 दुकानें आवंटित

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कोटा न्यूज़ डेस्क, कोटा  दशहरा मेले का उद्घाटन 3 अक्टूबर को सिने तारिका एवं सांसद हेमा मालिनी की दुर्गा नृत्य नाटिका के साथ होगा। 2 दशक से नवरात्र स्थपाना के साथ ही मेले का उद्घाटन होता रहा है, लेकिन यह मात्र औपचारिकता रह जाता था।मेले की वास्तविक शुरुआत रावण दहन के बाद होती रही। इस बार मेला समिति पहले ही दिन से मेला शुरू करने के लिहाज से व्यवस्थाएं कर रही हैं। यही कारण कि उद्घाटन के 3 दिन पहले कई झूले लग चुके हैं, कुछ लग रहे हैं। व्यापारी दुकानें लगाने में जुटे हैं। मैदान के सैकंड फेज में जमीन समतल होने के बाद सर्कस के लिए डोम बन गया है। दुकानों के आवंटन का 97 प्रतिशत काम हो गया। करीब 380 स्थायी दुकानें दी जा चुकी हैं।रंगमंच का फर्नीचर बदला : रामलीला-रामकथा से लेकर सांस्कृतिक कार्यक्रम श्रीराम रंगमंच आैर विजयश्री रंगमंच पर होते हैं। दोनों रंगमंच रंगरोगन से लेकर ग्रीन रूम की सजावट तक तैयार कर दिया है। विजयश्री रंगमंच के ग्रीन रूम का फर्नीचर बदला गया है। फ्रंट लुक भी आधुनिक किया गया है।

700 फीट ऊंची गुफा में 7 फीट ऊंचे अमरनाथ

मेले में अमरनाथ बाबा की गुफा के दर्शन भी होंगे। गुजरात के भावनगर के 20 कारीगरों ने सवा महीने की मेहनत से बांस-बल्ली, जूट, पीओपी व कपड़ों से आकर्षक गुफा तैयार की है। कारीगर सोनी भाई और बिल्लू भाई ने बताया कि राजस्थान में पहली बार आए हंै। इंदौर, भोपाल, ग्वालियर, मुंबई में वे गुफा बना चुके हैं। 100 गुणा 140 वर्गफीट में 42 फीट ऊंचे पहाड़ के बीच बर्फीली गुफा तैयार की जा रही है, जिस में बर्फ का 7 फीट ऊंचा शिवलिंग होगा। तापमान बनाए रखने के लिए 5 एसी लगेंगे। एक बार में 150 से 200 दर्शनार्थी प्रवेश कर सकेंगे।अमरनाथ यात्रा के मुख्य स्थलों के भी दर्शन : इस गुफा में भी दुर्गम रास्ते होंगे। 700 फीट चढ़ाई करते हुए यात्रा मार्ग के बालटाल, चंदनबाड़ी, त्रिवेणी संगम, गंगा मंदिर, शेषनाग आदि भी देख सकेंगे। जंगली जानवर और खच्चर पर यात्रा करते लोग िदखेंगे।

ड्रेनेज का काम लगभग पूरा

मैदान का ड्रेनेज सिस्टम काफी खराब हो रहा था। ईस्ट-वेस्ट जोन में दुकानों के बाहर नालियां क्षतिग्रस्त हो रही थीं। नालियां के ढकान टूट चुके थे। कुछ जगह नई नालियों की आवश्यकता थी। बड़े नालों पर क्रॉस व जाल टूट चुके थे। इन सभी को एक माह से ठीक किया जा रहा है। काफी हद तक काम पूरा हो चुका है। सफाई कार्य बाकी है। हालांकि, किशोरपुरा साइड पर केडीए सीवरेज लाइन डलवा रहा है। इसके लिए सड़क पर खोद रखा है। उद्धाटन समारोह तक इसे वापस रिपेयर नहीं किया तो आवागम में परेशानी आ सकती है। यह सड़क मेले में आने-जाने के अलावा ट्रैफिक डायवर्ट करने में भी काम आती है। दशहरा मेला मैदान में बन रही 700 फीट ऊंची अमरनाथ गुफा पूरी बनने पर बाहर से ऐसी नजर आएगी।

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