Top News
Next Story
NewsPoint

Jaisalmer नाडी की पाल पर बन रहा कॉलेज, आगोर में चारदीवारी

Send Push

जैसलमेर न्यूज़ डेस्क, जैसलमेर पोकरण राज्य सरकार की ओर से क्षेत्र के विद्यार्थियों की सुविधा को लेकर पोकरण में कृषि महाविद्यालय की घोषणा की गई। जिस पर राजस्व विभाग की ओर से पोकरण से तीन किलोमीटर दूर थाट मार्ग पर रशीद अहमदनगर गांव की नाडी की पाल पर जमीन स्वीकृत की गई। यहां कार्य भी शुरू किया गया, लेकिन ग्रामीणों की शिकायत पर फिलहाल कार्य रुकवाया गया है। जानकारी के अनुसार दो वर्ष पूर्व राज्य सरकार की ओर से पोकरण में राजकीय कृषि महाविद्यालय की घोषणा की गई थी। राजस्व विभाग की ओर से पोकरण कस्बे से तीन किलोमीटर दूर थाट गांव जाने वाले मार्ग पर रशीद अहमदनगर गांव की सरहद में स्थित भूरासर नाडी की पाल पर कॉलेज निर्माण के लिए भूमि स्वीकृत की गई। एक वर्ष पूर्व यहां महाविद्यालय निर्माण का कार्य भी शुरू कर दिया गया। प्रशासन की ओर से जिस जगह भूमि स्वीकृत की गई है, वहां भूरासर नाडी की पाल स्थित है। साथ ही चारदीवारी का निर्माण कार्य नाडी की आगोर में किया जा रहा है। इस संबंध में जब ग्रामीणों को जानकारी मिली तो उन्होंने मौके पर पहुंचकर विरोध जताया और फिलहाल चारदीवारी का निर्माण कार्य रुकवा दिया है। साथ ही प्रशासन को इस संबंध में शिकायत प्रस्तुत कर कॉलेज व चारदीवारी का निर्माण अन्यंत्र करवाने की मांग की है।

15 लाख रुपए नाडी पर हो चुके खर्च, पानी की आवक होगी बाधित

पोकरण तालाब संरक्षण एवं संघर्ष समिति के संयोजक बलवंतसिंह जोधा सहित ग्रामीणों ने बताया कि भूरासर नाडी पर मनरेगा के तहत दो वर्ष पूर्व 15 लाख रुपए की राशि खर्च की गई थी। जिससे आगोर की सफाई करने के साथ पायतन में खुदाई की गई, ताकि बारिश के दौरान पानी भरने से ग्रामीणों के साथ मवेशी को भी राहत मिल सके। यहां महाविद्यालय व चारदीवारी का निर्माण हो जाने से नाडी में पानी की आवक बाधित होगी। साथ ही पाल पर कॉलेज का निर्माण हो जाने से नाडी का अस्तित्व भी खतरे में पड़ जाएगा। इसी को लेकर ग्रामीणों ने कॉलेज व चारदीवारी का निर्माण नाडी से कुछ दूर करवाने की मांग की है।

राजस्व रिकॉर्ड में दर्ज नहीं होने से समस्या

पोकरण क्षेत्र में सैकड़ों तालाब व नाडियां और उनके आगोर है, लेकिन 90 प्रतिशत तालाब, नाडियां व आगोर राजस्व रिकॉर्ड में दर्ज नहीं है। कई नाडियां रिकॉर्ड में दर्ज है तो उनके जलग्रहण क्षेत्र आगोर दर्ज नहीं है। भूरासर नाडी को राजस्व रिकॉर्ड में दर्ज करने की प्रक्रिया वर्ष 2012 से चल रही है, लेकिन अभी तक रिकॉर्ड में दर्ज नहीं होने के कारण यह समस्या उत्पन्न हो गई है।

Explore more on Newspoint
Loving Newspoint? Download the app now