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अंग्रेजों से अपमान का बदला लेने के लिए हुई ताज होटल की शुरुआत, अब है दुनियां के बड़े होटल में शुमार

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नई दिल्ली: 120 साल पुराने ताज महल पैलेस होटल जो भारतीय मेहमाननवाज़ी का एक प्रतीक के दुनियां भर मे विख्यात है. इस भव्य होटल की कहानी केवल एक आलीशान इमारत की नहीं है बल्कि यह एक प्रेरणा भी है जो हमें दिखाती है कि कैसे अपमान को सम्मान में बदला जा सकता है.1902 में जब जमशेदजी न. टाटा, टाटा ग्रुप के संस्थापक, ने मुंबई के एक प्रतिष्ठित होटल वाटसन होटल में प्रवेश करने की कोशिश की तो उन्हें धक्के खाकर लौटना पड़ा. वह होटल सिर्फ यूरोपीय मेहमानों के लिए था और भारतीयों को वहाँ प्रवेश की अनुमति नहीं थी. इस अनुभव ने जमशेद जी को केवल व्यक्तिगत रूप से नहीं बल्कि पूरे भारतीय समुदाय के लिए दुखी किया.इस अपमान के बाद उन्होंने तय किया कि उन्हें एक ऐसा होटल बनाना है जो भारतीय मेहमाननवाज़ी को विश्व स्तर पर पेश करे. ऐसे में ताज महल पैलेस का जन्म हुआ. इस होटल के निर्माण में 500,000 पाउंड का खर्च आया, और इसे प्रसिद्ध वास्तुकारों सीताराम खाण्डेराव वैद्य और D. N. Mirza ने डिज़ाइन किया. जमसेटजी ने हर एक डिटेल पर ध्यान दिया. यहाँ तक कि पेरिस यात्रा के दौरान एफिल टॉवर से प्रेरणा लेकर होटल के बैलरूम के लिए उसी स्टील के खंभे मंगवाए.ताज महल पैलेस ने समय के साथ विश्व नेताओं, रॉयल परिवारों के सदस्यों और कई मशहूर हस्तियों का स्वागत किया है. महात्मा गांधी से लेकर ओप्रा विनफ्रे तक कई दिग्गज यहाँ ठहर चुके हैं. ताज होटल का नाम अब विश्व के सबसे मजबूत होटल ब्रांड में से एक बन चुका है. 2022 में, इसे ब्रांड फाइनेंस द्वारा 'वर्ल्ड्स स्ट्रॉन्गेस्ट होटल ब्रांड' और 'इंडिया का सबसे मजबूत ब्रांड' के रूप में मान्यता मिली है. इस वजह से रतन टाटा ने बनाया ताज पब्लिक सर्विस वेलफेयर ट्रस्ट26 नवंबर 2008 को दस पाकिस्तानी आतंकवादियों द्वारा हुआ था तब ताज होटल ने 400 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान उठाया. लेकिन कर्मचारियों ने अद्भुत साहस का प्रदर्शन किया और मेहमानों की सुरक्षा को अपनी जान पर तरजीह दी. कई कर्मचारियों ने मेहमानों से छिपने का आग्रह किया औरसुरक्षित निकासी में मदद की. हमले के बाद रतन टाटा ने घायल कर्मचारियों से मुलाकात की और ताज पब्लिक सर्विस वेलफेयर ट्रस्ट की स्थापना की जिससे उन कर्मचारियों के परिवारों को वित्तीय सहायता प्रदान की गई. उनके परिवारों को पूर्ण वेतन दिया गया और बच्चों के लिए शिक्षा सुनिश्चित की गई.
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