नई दिल्ली: बधुवार को भारतीय रिजर्व बैंक की प्रत्येक 2 महीने के अंतराल में होने वाली मॉनिटरी पॉलिसी कमेटी की मीटिंग खत्म हुई. आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने प्रेस कॉन्फ्रेस कर बताया कि ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया गया है. इसके साथ ही मौद्रिक नीति समिति ने नीतिगत रुख को रिटर्न टू अकोमंडेशन से न्यूट्रल पर बदल दिया. गवर्नर ने अपने बयान में कहा कि ब्याज दरों में कटौती का द्वार खोलने के लिए बहुत सावधानी बरतनी होगी क्योंकि मुद्रास्फीति फिर से भाग सकती है. उनके इस बयान ने एक्सपर्ट्स ब्याज दरों में बढ़ोतरी के बारे में सोचने पर मजूबर कर दिया है. बैंक ऑफ अमेरिका ने कही ये बातबैंक ऑफ़ अमेरिका के राहुल बाजोरिया ने कहा,"जैसे-जैसे दिसंबर MPC नज़दीक आएगा, भारत में विकास की मंदी स्पष्ट होती जाएगी, क्योंकि मुद्रास्फीति 4% के लक्ष्य के अनुरूप हो जाती है. हमें दिसंबर 2025 तक 100bp की रेपो दर में कटौती की उम्मीद है, जो दिसंबर 2024 से शुरू होगी. यदि दरों में कटौती में देरी होती है या यह छोटी होती है, तो विकास के लिए नकारात्मक जोखिम बढ़ जाएगा." बैंक ऑफ अमेरिका की तहत ज्यातार एनालिस्ट भविष्यवाणी कर रहे हैं कि केंद्रीय बैंक 6 दिसंबर को अपने बहुप्रतीक्षित रेट साइकिल की शुरुआत करेगा क्योंकि रुख में बदलाव का मतलब है कि आरबीआई को दर में कटौती की संभावना बनती दिख रही है. नुवामा इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज ने की ये भविष्वाणी नुवामा इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज के रिसर्च एक्जिक्यूटिव डायरेक्टर कपिल गुप्ता ने कहा, "हमें लगता है कि तटस्थ रुख अपनाने से दिसंबर 2024 से संभावित रूप से दर में कटौती का संकेत है. हमारे ख्याल से, हाल ही में मांग में नरमी आई है, कोर इंफ्लेशन सीरिज के निचले स्तर के करीब है, और राजकोषीय नीति समेकन के रास्ते पर है. इसके अलावा, फेड ने ढील देना शुरू कर दिया है. इस प्रकार, दर चक्र में धीरे-धीरे उलटफेर हो सकता है."
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