नई दिल्ली, 8 अक्टूबर . भारत और जर्मनी ने वायु एवं समुद्री सैन्य अभ्यास और रक्षा सहयोग गतिविधियों पर चर्चा की. रक्षा संबंधों को मजबूत करने के लिए मंगलवार को दोनों देशों के रक्षा मंत्रियों के बीच वार्ता हुई. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार को जर्मनी के रक्षा मंत्री बोरिस पिस्टोरियस के साथ टेलीफोन पर बातचीत की.
रक्षा मंत्रालय का कहना है कि इस बातचीत के दौरान दोनों मंत्रियों ने वायु और समुद्री क्षेत्रों में अभ्यास सहित रक्षा सहयोग की विभिन्न गतिविधियों की समीक्षा की. बातचीत के दौरान मंत्रियों ने रक्षा उद्योग के क्षेत्र में सहयोग को और मजबूत करने पर जोर दिया. साथ ही आपूर्ति श्रृंखला की व्यवस्था को अनुकूल और मजबूत बनाने के तौर-तरीकों पर चर्चा की गई. भारत और जर्मनी ने निकट भविष्य में मुलाकात की भी योजना बनाई, ताकि रक्षा संबंधों और संयुक्त परियोजनाओं को ठोस स्वरूप दिया जा सके.
इसका उद्देश्य रक्षा क्षेत्र में सहयोग को भारत-जर्मनी द्विपक्षीय संबंधों के एक प्रमुख स्तंभ के रूप में बदलना है. इससे पहले भारत-जर्मनी सैन्य सहयोग उप समूह (एमसीएसजी) की 17वीं बैठक भी आयोजित की गई थी. यह महत्वपूर्ण बैठक इसी महीने एक और दो अक्टूबर को बर्लिन, जर्मनी में आयोजित की थी. इस बैठक के दौरान हुए विचार विमर्श में द्विपक्षीय सैन्य सहयोग का दायरा बढ़ाने पर चर्चा हुई. इसके अलावा पूरे स्पेक्ट्रम में जारी रक्षा सहभागिताओं को और मजबूती प्रदान करने के लिए नई पहलों पर भी ध्यान केंद्रित किया गया. एमसीएसजी मंच की स्थापना दोनों देशों के बीच अंतर्राष्ट्रीय सहयोग, रणनीतिक और परिचालन स्तरों पर नियमित वार्ता के माध्यम से रक्षा सहयोग को बढ़ावा देने के लिए की गई है.
गौरतलब है कि हाल ही में भारतीय वायु सेना ने पहली बार मल्टीनेशन एयर एक्सरसाइज ‘तरंग शक्ति’ का आयोजन किया था. इस बहुराष्ट्रीय अभ्यास में भारतीय वायु सेना के साथ जर्मनी की एयर फोर्स भी शामिल हुई थी. इस बहुराष्ट्रीय अभ्यास में अमेरिकन एयर फोर्स, सिंगापुर, ऑस्ट्रेलिया, ग्रीस, बांग्लादेश श्रीलंका, जापान और यूएई आदि देशों के लड़ाकू विमान भी शामिल हुए थे. यह विश्व के समक्ष भारत की आत्मनिर्भरता को दर्शाने का भी एक बड़ा अवसर था.
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जीसीबी/एससीएच
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