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भारतीय मादक पेय उत्पादों की बिक्री में वित्त वर्ष 2025 में 8-10 प्रतिशत वृद्धि होने की उम्मीद

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नई दिल्ली, 7 अक्टूबर . घरेलू मादक पेय उद्योग से वित्त वर्ष 2025 में 8-10 फीसद राजस्व मिलने की संभावना है. ऐसा प्रीमियम उत्पादों के लिए ग्राहकों की बढ़ती पसंद और बीयर की स्थिर मांग की वजह से होने की उम्मीद है. सोमवार को आई एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई.

क्रेडिट रेटिंग एजेंसी आईसीआरए के अनुसार, वित्त वर्ष 2025 में राजस्व वृद्धि को चालू वित्त वर्ष में कुछ राज्य सरकारों द्वारा की गई मूल्य वृद्धि से भी समर्थन मिलेगा.

वित्त वर्ष 2025 की पहली तिमाही के दौरान अल्कोहल उद्योग ने राजस्व में 9 प्रतिशत की वार्षिक वृद्धि दर्ज की. इससे प्राप्तियों में 5-7 प्रतिशत सुधार हुआ है, जबकि मात्रा में 2-4 प्रतिशत की वृद्धि हुई.

रिपोर्ट के अनुसार, बीयर उद्योग में वित्त वर्ष 25 की पहली तिमाही में 12 प्रतिशत की उच्च राजस्व वृद्धि हुई. इसकी वजह मात्रा में 3-5 प्रतिशत और प्राप्तियों में 7-9 प्रतिशत की वृद्धि होना था.

आईसीआरए के वरिष्ठ उपाध्यक्ष और सह-समूह प्रमुख (कॉरपोरेट रेटिंग) किंजल शाह ने कहा कि मादक पेय उद्योग की मात्रा वृद्धि वित्त वर्ष 2024 में 4 प्रतिशत से बढ़कर वित्त वर्ष 2025 में 5-6 प्रतिशत होने का अनुमान है.

आईसीआरए के अनुमान के मुताबिक वित्त वर्ष 2025 में स्पिरिट्स की मात्रा 2-4 प्रतिशत की मध्यम गति से बढ़ेगी.

शाह ने कहा, “हमें वित्त वर्ष 2025 में बीयर की मात्रा में 5-7 प्रतिशत की वृद्धि की उम्मीद है, जो बड़े आधार पर होगी.”

गैर-बासमती चावल की कीमतों में 20-25 प्रतिशत की वृद्धि के कारण वित्त वर्ष 2025 की पहली छमाही में अनाज की लागत में वृद्धि देखी गई, जबकि जौ की कीमतें स्थिर रहीं.

हालांकि, जुलाई 2024 से गैर-बासमती चावल की कीमतों में नरमी आने लगी है.

इसके अलावा, सोडा ऐश की कीमतों में तेज सुधार के कारण चालू वर्ष में पैकेजिंग सामग्री (कांच की बोतलें) की लागत में गिरावट आई है.

एसकेटी/

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