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2,000 करोड़ रुपये के वजीरएक्स हैक की सरकार ने शुरू की जांच

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नई दिल्ली, 7 अक्टूबर . क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज वजीरएक्स पर जुलाई में हुए साइबर हमले की जांच देश की शीर्ष सरकारी एजेंसियां कर रही हैं.

इस साइबर हमले में वजीरएक्स को 2,000 करोड़ रुपये ($234 मिलियन डॉलर) का नुकसान हुआ था और अब बड़ी संख्या में इसमें पैसे गंवा चुके लोग अपने रिफंड की मांग कर रहे हैं.

रिपोर्ट्स के मुताबिक, फाइनेंसियल इंटेलिजेंस यूनिट (एफआईयू) और इंडियन कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पॉन्स टीम (सीईआरटी-इन) के अधिकारियों ने वजीरएक्स की शीर्ष लीडरशीप से मुलाकात की और क्रिप्टो टोकन की हैकिंग के बारे में पूछताछ की.

सूत्रों के मुताबिक, क्रिप्टो एक्सचेंज ने सरकारी एजेंसियों की ओर से मांगी गई जानकारी उपलब्ध करा दी है और अब दस्तावेजों की जांच की जा रही है.

इससे पहले देश में कई कानूनी जानकारों की ओर से वजीरएक्स में हुए इस साइबर क्राइम की जांच करने की बात कही गई थी.

वजीरएक्स द्वारा यह स्वीकारा जा चुका है कि उसके 43 प्रतिशत यूजर्स को इससे नुकसान उठाना पड़ सकता है और इसमें से ज्यादातर भारतीय हैं.

पिछले हफ्ते आई कुछ रिपोर्ट्स में कहा गया था कि एक यूट्यूब लाइव टाउन हॉल सेशन में मैनेजमेंट ने दावा किया था कि क्रिप्टो से हुए 100 प्रतिशत मुनाफे को भविष्य में यूजर्स के साथ शेयर किया जाएगा. हालांकि, इस वीडियो को हटा लिया गया.

टाउन हॉल सत्र में, वजीरएक्स के सह-संस्थापक निश्चल शेट्टी और हैक के बाद वजीरएक्स के पुनर्गठन को संभालने वाली क्रॉल कानूनी फर्म के निदेशक जॉर्ज ग्वी ने प्रभावित यूजर्स के सवालों के जवाब दिए.

क्रिप्टो टाइम्स के मुताबिक, ग्वी ने वीडियो में कहा कि पुनर्गठन की प्रक्रिया के दौरान क्रिप्टो की कीमतों में बढ़ोतरी के कारण हुए मुनाफे को 100 प्रतिशत साझा किया जाएगा. हालांकि, बाद में वजीरएक्स ने वीडियो को प्राइवेट कर दिया.

एबीएस/केआर

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