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बिहार में बाढ़ के बीच मोदी सरकार एक्टिव, NDRF की 11 टीमें तैनात, नित्यानंद राय बोले- स्थिति पर केंद्र की नजर

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पटना: बिहार के कई जिलों में बारिश के बाद बाढ़ आ गई है। बाढ़ एवं आपदा की स्थिति को देखते हुए केंद्र की मोदी सरकार भी एक्टिव हो गई है। केंद्र सरकार बिहार की स्थिति पर नजर बनाए हुए है। राज्य में एनडीआरएफ की 11 टीमें तैनात की गई हैं। केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने बताया कि बिहार में आई बाढ़ से निपटने के लिए केंद्र सरकार पूरी तरह से तैयार है। उन्होंने बताया कि NDRF की 11 टीमें पहले से ही राज्य के अलग-अलग हिस्सों में तैनात हैं। ज़रूरत पड़ने पर और टीमें भेजी जाएंगी। जरूरत पड़ने पर बिहार बुलाई जाएंगी NDRF की रिजर्व टीमें: केंद्रीय मंत्रीपटना में मीडिया से बात करते हुए नित्यानंद राय ने रविवार को बताया कि चंपारण और पूर्वी बिहार समेत कई ज़िलों में NDRF की टीमें तैनात हैं। बिहटा में तीन, वाराणसी में तीन और झारखंड में दो टीमें रिजर्व रखी गई हैं। इसके अलावा, पुरी और पश्चिम बंगाल की NDRF टीमें भी तैयार हैं, जिन्हें ज़रूरत पड़ने पर बिहार बुलाया जा सकता है। लालू-तेजस्वी को बिहार की जनता की परवाह नहीं: रायतेजस्वी यादव और लालू प्रसाद यादव पर निशाना साधते हुए नित्यानंद राय ने कहा कि दोनों नेताओं को बिहार की जनता की कोई परवाह नहीं है। उन्होंने याद दिलाया कि कोविड महामारी के दौरान भी तेजस्वी यादव राज्य से बाहर चले गए थे। राय ने कहा, 'लालू यादव हों या तेजस्वी यादव, उन्हें बिहार के लोगों या बाढ़ जैसी समस्याओं से कोई लेना-देना नहीं है। लालू राज में ही बाढ़ राहत घोटाला हुआ था। दूध का घोटाला हुआ था। तब दूध के अभाव में बच्चों की मौत हो गई थी। महिलाओं की मौत हो गई थी।' बगहा में गंडक नदी का तटबंध टूटा, कार्यपालक अभियंता निलंबितबिहार में जल संसाधन विभाग ने अपने ही एक अधिकारी को निलंबित कर दिया है। बगहा में गंडक नदी का पानी चंपारण तटबंध को तोड़कर बह गया, जिसके बाद यह कार्रवाई हुई है। जल संसाधन विभाग का कहना है कि कार्यपालक अभियंता निशिकांत कुमार ने अपने काम में लापरवाही बरती और इसी वजह से यह हादसा हुआ। निशिकांत कुमार बगहा के बाढ़ नियंत्रण प्रमंडल में कार्यपालक अभियंता के पद पर तैनात थे। उन पर आरोप है कि उन्होंने न सिर्फ काम में लापरवाही बरती बल्कि स्थानीय प्रशासन के साथ तालमेल भी नहीं बिठाया। विभाग का कहना है कि अगर निशिकांत कुमार ने समय रहते ध्यान दिया होता और ज़रूरी कदम उठाए होते, तो तटबंध टूटने से रोका जा सकता था।
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