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Bhagwant Mann: भगवंत मान ने दिखावे में कर दी थी चूक, क्या काली बेईं के एक ग्लास पानी ने दी घातक बीमारी? जानिए पूरी कहानी

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चंडीगढ़: पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान (Bhagwant Mann) को रविवार को मोहाली के फोर्टिस अस्पताल से छुट्टी दे दी गई। वह बैक्टीरियल इन्फेक्शन 'लेप्टोस्पायरोसिस' से पीड़ित थे। फोर्टिस अस्पताल के निदेशक और हृदय रोग विभाग के प्रमुख डॉ. आरके. जसवाल ने बताया कि मुख्यमंत्री की स्वास्थ्य संबंधी सभी जांच सामान्य पाए जाने के बाद डॉक्टरों ने उन्हें छुट्टी देने का फैसला किया। चूंकि पंजाब सीएम अब ठीक हो चुके हैं, ऐसे में बड़ा सवाल यह है कि वो कैसे इस खतरनाक बीमारी की चपेट में आए? आगे हम इसे विस्तार से समझते हैं-
​कैसे बीमारी की चपेट में आए पंजाब सीएम? image

दरअसल पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान 16 जुलाई को 'काली बेईं' नदी का पानी पीने के बाद अस्पताल में भर्ती हुए। इससे यह अटकलें लगाई जा रही हैं कि क्या नदी के दूषित पानी के कारण उन्हें स्वास्थ्य समस्याएं हुईं। मान ने सुल्तानपुर लोधी में नदी के एक सफाई अभियान के दौरान पानी पिया था। इस कार्यक्रम में आप सांसद संत बलबीर सिंह सीचेवाल ने भी हिस्सा लिया था।


​नदी से पानी पीते हुए दिखाई दिए मान​ image

सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में मान नदी से पानी पीते हुए दिखाई दे रहे हैं और कैप्शन में लिखा है, मुख्यमंत्री ने सुल्तानपुर लोधी में पवित्र जल पीते हुए गुरु नानक साहिब की भूमि को प्रणाम किया। भगवंत मान और राज्य सभा सदस्य संत सिचेवाल जी ने पवित्र स्थान की सफाई की जिम्मेदारी ली है। 165 किलोमीटर लंबी काली बेईं नदी को कभी अपनी पवित्रता के लिए जाना जाता था। मौजूदा समय में वह औद्योगिक कचरे के कारण प्रदूषित हो गई है। हालांकि 2000 के बाद से चल रहे सफाई अभियानों ने इसके पानी की गुणवत्ता में सुधार दिखाया है। सीचेवाल इन प्रयासों में सबसे आगे रहे हैं और हाल ही में आयोजित कार्यक्रम इसी पहल का हिस्सा था।


क्पा पानी की वजह से बीमार हुए मान? image

पंजाब सीएम मान को पानी पीने के कुछ दिन बाद अस्पताल में भर्ती कराया गया। इससे अटकलें लगाई जाने लगीं कि नदी के पानी की वजह से उनकी तबीयत बिगड़ी है। फोर्टिस हॉस्पिटल के कार्डियोलॉजी विभाग के निदेशक ने बताया कि सीएम मान को बुखार की शिकायत के बाद अस्पताल में भर्ती कराया गया था। ब्लड टेस्ट के बाद वह लेप्टोस्पायरोसिस से संक्रमित पाए गए।


नदी का पानी पीते दिखे पंजाब सीएम​
पंजाब सीएम को हुई बीमारी कैसे फैलती है? image

यह बीमारी लेप्टोस्पाइरा बैक्टीरिया के कारण होती है। इंसानों में यह बैक्टीरिया संक्रमित जानवरों के जरिए से फैलता है। संक्रमित जानवरों के पेशाब के संपर्क में आई खाने-पीने की चीजें या फिर मिट्टी के नाक, मुंह, आंखों घाव या खरोच वाली त्वचा के संपर्क में आने से इंसान इस बीमारी की चपेट में आ सकता है। रिपोर्ट्स के अनुसार हर साल 10 लाख से अधिक लोग इस बीमारी के चपेट में आते हैं। इस तरह यह बीमारी जानवरों और मनुष्यों के बीच संचारित होती है।


पंजाब सीएम को हुई बीमारी कितनी खतरनाक? image

स्वास्थ्य विशेषज्ञ के अनुसार लेप्टोस्पायरोसिस से संक्रमित 10 फीसदी लोग अपनी जान गंवा बैठते हैं। समय रहते अगर इस बीमारी की पहचान नहीं होती है तो यह बीमारी गंभीर रूप ले सकती है और जानलेवा हो सकती है। इस बीमारी के शुरुआत में फ्लू जैसे लक्षण नजर आते हैं। शुरुआती स्थिति में बुखार, आंखों में संक्रमण-लालिमा, सिरदर्द, ठंड लगने, मांसपेशियों में दर्द, दस्त जैसी समस्या होती है। कई बार खांसी के साथ खून आना, छाती में दर्द, सांस लेने में तकलीफ भी होने लगता है।


​लेप्टोस्पायरोसिस संक्रमण से क्या होता है? image

लेप्टोस्पायरोसिस संक्रमण की स्थिति कुछ मामलों में गंभीर और जानलेवा भी हो सकती है। समय पर इलाज न मिलने या संक्रमण के बहुत ज्यादा बढ़ जाने के कारण सांस लेने में तकलीफ और मेनिन्जाइटिस की दिक्कत होती है। मेनिनजाइटिस की समस्या में मस्तिष्क और रीढ़ की हड्डी की रक्षा करने वाली झिल्लियों में सूजन हो जाती है।


पंजाब सीएम को हुई बीमारी का बचाव क्या? image

यह बीमारी चूंकि बैक्टीरिया के कारण होती है, इसलिए एंटीबायोटिक दवाओं की मदद से आराम पाया जा सकता है। इसके लिए आपको बचाव करना बहुत जरूरी है। इसके लिए सबसे जरूरी है कि दूषित जल के संपर्क में आने से बचें। जानवरों से भी दूरी बनाकर रखें, पीने के लिए साफ और स्वच्छ पानी का इस्तेमाल करें। अगर आपके शरीर में कहीं घाव है तो उस पर बैंडेज लगाएं और उचित देखभाल करें।


बीमारी पर क्या कहता है डब्ल्यूएचओ? image

विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के अनुसार, ‘लेप्टोस्पायरोसिस’ एक जीवाणुजनित रोग है, जो मनुष्य और जानवर दोनों को प्रभावित करता है। मनुष्य संक्रमित जानवरों के मूत्र या मूत्र-दूषित वातावरण के सीधे संपर्क में आने से संक्रमित हो जाते हैं। जीवाणु त्वचा पर कट या खरोंच के माध्यम से, या मुंह, नाक और आंखों की श्लेष्म झिल्ली के माध्यम से शरीर में प्रवेश करता है।

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