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'लाइफ मैनेजमेंट' किताब का विमोचन, कार्यक्रम में राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश थे चीफ गेस्ट

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नई दिल्ली: आईआईएम इंदौर के नवीन कृष्ण राय की पुस्तक 'लाइफ मैनेजमेंट' का इंडिया इंटरनैशनल सेंटर में लोकार्पण किया गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश ने कहा कि इस किताब में पंचतंत्र, चाणक्य और सूक्तियों का प्रयोग कर आधुनिक मैनेजमेंट से जोड़ने का कार्य सराहनीय है। कार्यक्रम की अध्यक्षता इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र के अध्यक्ष राम बहादुर राय ने की। उन्होंने कहा कि इस किताब में जीवन प्रबंधन के 36 सूत्र दिए गए हैं और यह जीवन प्रबंधन सिखाने का एक प्रयास है। विशिष्ट अतिथि नैशनल कंस्यूमर डिस्प्यूट रिड्रेसल कमिशन के अध्यक्ष जस्टिस एपी. शाही ने कहा कि लेखक ने पुस्तक के माध्यम से समाज को ज्ञान दान करने का बीड़ा उठाया है। नवीन राय के मुताबिक 'लाइफ मैनेजमेंट' उन युवाओं को नई दिशा दिखाती है, जो किसी कारणवश भटक जाते हैं या शोषण का शिकार हो जाते हैं। यह किताब उन्हें भटकने और शोषण से बचने का मार्गदर्शन देती है। जस्टिस ए. पी. शाही ने अपने विचार साझा करते हुए कहा कि आज का संयोग नवीन के वैराग्य का प्रतीक है। उन्होंने अमेरिका के एक उद्योगपति का उदाहरण देते हुए कहा कि उसने मेहनत से संपत्ति अर्जित की और बाद में उसे समाज के लिए दान कर दिया। इसी प्रकार, नवीन ने भी अपनी पुस्तक के माध्यम से समाज को ज्ञान दान करने का बीड़ा उठाया है। इस पुस्तक में चाणक्य नीति और विदुर की शिक्षाएं समाहित हैं, जो इसे मूल्यवान बनाती हैं।कार्यक्रम की अध्यक्षता वरिष्ठ पत्रकार और इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र के अध्यक्ष पद्मश्री राम बहादुर राय ने की। उन्होंने कहा कि इस किताब में जीवन प्रबंधन के 36 सूत्र दिए गए हैं। यह पुस्तक उन लोगों के लिए मैनेजमेंट का ज्ञान प्रदान करती है, जो बड़े संस्थानों में जाकर मैनेजमेंट की पढ़ाई नहीं कर सकते। राम बहादुर राय ने गीता का उदाहरण देते हुए कहा कि गीता से जीवन प्रबंधन सीखने के कई सूत्र मिलते हैं और इसी प्रकार, नवीन की पुस्तक भी जीवन प्रबंधन सिखाने का एक प्रयास है। उन्होंने कहा कि यह पुस्तक जीवन में आने वाली कठिनाइयों को दूर करने में एक बटन की तरह कार्य करेगी। खास बात यह है कि यह पुस्तक पहले हिंदी में प्रकाशित की गई है, जबकि आमतौर पर मैनेजमेंट की पुस्तकें पहले अंग्रेजी में आती हैं और बाद में हिंदी में अनुवादित होती हैं। इस मौके पर दिनकर सिंह सूरज ने कहा कि लाइफ मैनेजमेंट किताब धर्म से जोडती है और हर वर्ग के लोगों को लाइफ मैनेजमेंट सीखाती है यह किताब गुमराह व शोषित होने से कैसे बचे यह भी बताती है।
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