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Bhopal News: अल्पसंख्यकों को अपने धार्मिक संस्थान चलाने की अनुमति, VHP ने पूछा- हिंदुओं को क्यों नहीं दे रहे मंदिर?

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भोपाल: आंध्र प्रदेश के तिरुपति बालाजी मंदिर के लड्डू में चर्बी और मछली के तेल की मिलावट की खबर के बीच मध्य प्रदेश में भी उबाल का माहौल बन गया है। राजधानी भोपाल में साधु-संत और धार्मिक संगठनों द्वारा लगातार प्रदर्शन किया जा रहा है। अब साधुओं ने सरकार से मांग कर ली है कि सभी मंदिरों को प्रशासन से मुक्त किया जाए। कोई भी मंदिर सरकारी नियंत्रण में नहीं होना चाहिए।एमपी की राजधानी भोपाल में राजभवन के करीब पीपल चौराहे पर विश्व हिन्दू परिषद के कार्यकर्ताओं ने संतों ने प्रदर्शन किया। विहिप कार्यकर्ताओं और संतों ने मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन भी सौंपा है। ज्ञापन में कहा गया है कि मध्य प्रदेश के मंदिरों को सरकारी नियंत्रण से मुक्त किया जाए। हिंदुओ की मान्यताओं पर प्रहार की साजिशविश्व हिन्दू परिषद के प्रांत मंत्री राजेश जैन के अनुसार वर्तमान में हिन्दुओं की आस्थाओं, मान्यताओं पर प्रहार करने की साजिशें रची जा रही हैं। उन्होंने कहा कि तिरुपति बालाजी के प्रसाद में मछली का तेल और बीफ ये बहुत बड़ा विषय है। यह हिन्दुओं की आस्थाओं के साथ ये खिलवाड़ है। उन्होंने कहा कि हमारे धर्म को भ्रष्ट करने का प्रयास किया जा रहा है। दोषियों को फांसी की सजा दी जानी चाहिए। 77 साल बाद भी नहीं मिला अधिकारसाधु संतों ने कहा कि मध्य प्रदेश में जितने भी मंदिर सरकारी नियंत्रण में हैं। उन सबको सरकारी नियंत्रण से मुक्त किया जाना चाहिए। क्योंकि हिन्दू समाज अपने मंदिरों की रक्षा करने में सक्षम है। साधु संतों ने कहा कि ये लूट 77 साल से चल रही है। पहले मुगल आक्रांताओं ने मंदिरों को लूटा और अंग्रेजों ने उनका सरकारी करण किया। लेकिन, अब वो लूट आगे नहीं चल पाएगी। देश की आजादी के 77 साल बाद भी क्या हिंदुओं को अपने मंदिरों का संचालन करने की अनुमति नहीं दी जा सकती?साधुओं ने आरोप लगाया कि अल्पसंख्यकों को अपने धार्मिक संस्थान चलाने की अनुमति है। लेकिन, हिंदू को यह संविधान सम्मत अधिकार क्यों नहीं दिया जा रहा? उन्होंने, आरोप लगाया कि अपने स्वार्थ के कारण मंदिरों का अधिग्रहण कर सरकारें संविधान की धारा 12, 25 और 26 का उल्लंघन कर रही हैं।
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