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BJP MLA इंद्रजीत महतो 4 साल से ICU में, अब पत्नी तारा देवी संभालेंगी विरासत! लाल झंडा की होगी वापसी

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धनबादः धनबाद जिले के छह विधानसभा क्षेत्र में सिंदरी विधानसभा में इस बार का चुनाव दिलचस्प होने वाला है। कभी सिंदरी विधानसभा में कम्युनिस्ट पार्टी का राज हुआ करता था। पर पिछले डेढ़ दशक से इस सीट पर भाजपा का कब्जा है। अब 2024 के विधानसभा चुनाव में यहां त्रिकोणीय मुकाबला होने के आसार हैं। पत्नी तारा देवी को बीजेपी बनाएगी उम्मीदवारअब 2024 के चुनाव में सिंदरी विधानसभा में त्रिकोणीय मुकाबला होने की संभावना है। 2019 के चुनाव में भाजपा प्रत्याशी इंद्रजीत महतो को 80967 वोट मिले थे। जबकि मासस की सीट से चुनाव लड़ रहे आनंद महतो को 72714 मत प्राप्त हुए। विधायक बनने के कुछ महीने बाद ही इंद्रजीत महतो गंभीर रूप से बीमार हो गए । जो आज भी इलाजरत हैं। अब 2024 के चुनाव में उनकी पत्नी तारा देवी को भाजपा अपना प्रत्याशी बनाने जा रही है। तारा देवी पहले से ही समाजसेवा के क्षेत्र में रह चुकी हैं और जिला परिषद की सदस्य भी रहीं हैं। ऐसे में वो अपने पति के राजनीतिक विरासत को संभालने के लिए तैयार है। आनंद महतो के पुत्र बबलू भी मैदान में उतरने की तैयारी मेंमासस की टिकट पर आनंद महतो के पुत्र बबलू महतो को मैदान में उतारने की तैयारी है। इससे पहले आनंद महतो पिछले कई चुनाव में मैदान में उतर रहे थे और वर्ष 2000 से लेकर 2019 के चुनाव में वो दूसरे स्थान पर रहे। लेकिन जीत हासिल नहीं कर सके। इस बार आनंद महतो की जगह बबलू महतो के चुनाव मैदान में उतरने की चर्चा है। जयराम महतो मुकाबले को बनाएंगे त्रिकोणीयइधर जयराम महतो अभी अपने प्रत्याशी को भी चुनाव में उतारने की तैयारी में है। जिससे मुकाबला त्रिकोणीय होने की संभावना है। जयराम महतो की ओर से उम्मीदवारों की पहली सूची 3 अक्टूबर को जारी कर दी गई, लेकिन पहली लिस्ट में सिंदरी से उम्मीदवार का ऐलान नहीं किया गया है। इंद्रजीत महथा वर्ष 2021 से अब तक अस्पताल में भर्तीवष्र 2021 के अप्रैल महीने में इंद्रजीत महतो कोरोना संक्रमित हो गए थे। उनका इलाज हैदराबाद के एक अस्पताल में चल रहा है। वे विधानसभा की बैठकों में लगातार अनुपस्थित चल रहे थे। संवैधानिक प्रावधानों के मुताबिक लगातार 60 बैठकों तक अनुपस्थित होने पर सदस्यता रद्द करने का प्रावधान है, इस कारण वर्ष 2023 के मॉनसून सत्र में ही उनकी सदस्यता समाप्त हो जाती, लेकिन स्पीकर ने मानवीय आधार पर अपने स्तर से पहल की। इसके साथ ही विधानसभा में उनकी अनुस्थिति को क्षम्य करने का प्रस्ताव लाया गया, जिसका सभी सदस्यों ने समर्थन किया। नर्सिंग स्टॉफ की देखरेख में अस्पताल में इलाजरत धनबाद की पूर्व जिला परिषद सदस्य और इंद्रजीत महतो की पत्नी तारा देवी ने बताया कि हैदराबाद स्थित एचसीएएच सुवितास न्यूरो रिहैबिलिटेशन सेंटर में भर्ती है। वो अब भी मुंह से आहार ले रहे हैं। वो बोल नहीं पाते हैं, इशारों से जवाब देते हैं। डॉक्टर और नर्सिंग स्टॉफ की देखरेख में उन्हें सहारा देकर चलाया जाता है। उन्हें नियमित फिजियोथेरेपी दी जा रही है। पिता 22 महीने से ‘कोमा’ में, पुत्र की मौतसिंदरी विधायक इंद्रजीत महतो के पुत्र विवेक महतो की फरवरी 2023 में संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। इस संबंध में स्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि विवेक ने दिल्ली में इंजीनियरिंग की परीक्षा दी थी और प्रतियोगिता परीक्षा की तैयारी में जुटा था। वहीं पिता के अस्पताल में भर्ती में रहने के कारण वो डिप्रेशन में आ गया था, जिसके कारण उसने कीटनाशक खा ली। संभवतः इसी कारण उसकी मौत हो गई। वर्ष 2019 में सिंदरी विधानसभा चुनाव का परिणाम वर्ष 2014 में सिंदरी विधानसभा चुनाव का परिणाम वर्ष 2009 में सिंदरी विधानसभा चुनाव का परिणाम सिंदरी क्षेत्र में जयराम महतो की पार्टी का दबदबा बनाराजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि हाल के कुछ महीनों में जयराम महतो की पार्टी झारखंड क्रांतिकारी संघर्ष मोर्चा (जेकेएसएम)का इस क्षेत्र में दबदबा बढ़ा है। आदिवासी और मूलवासी की हक हकुक की बात करनेवाली जयराम महतो की पार्टी से यहां के युवा काफी प्रभावित हो रहे हैं। हालांकि इसका कितना असर चुनाव पर पड़ेगा यह आने वाला वक्त में ही पता चल पाएगा। लेकिन एक बात तो तैय है कि जयराम की पार्टी भाजपा या मासस में से किसी एक पार्टी को बड़ा नुकसान पहुंचाएगा। आइए हम पहले समझते है सिंदरी विधानसभा क्षेत्र कोझारखंड की 81 विधानसभा सीटों में धनबाद जिले के सिंदरी विधानसभा अपने आप में एक अहम स्थान रखता है। प्राकृतिक सौंदर्य से घिरे सिंदरी विधानसभा क्षेत्र पश्चिम बंगाल के पुरुलिया जिले से अपनी सीमा को साझा करता है। झारखंड और पश्चिम बंगाल को विभाजन करने के लिए दामोदर नदी है जो दोनों राज्यों की सीमा है। दामोदर नदी के इस तरफ सिंदरी है तो दूसरी तरफ पुरुलिया जिले के सतालडीह है। 1944 में सिंदरी को औद्योगिक क्षेत्र के रूप में किया गया विकसितदामोदर नद की वजह से यह दोनों इलाका कृषि समृद्ध माना जाता है। इसके आलावा दोनों इलाकों में कई कल कारखाने भी मौजूद हैं। सिंदरी इलाके को आदिवासियों के पसंदीदा सिंदूरी रंग के नाम पर रखा गया था, जो बाद में सिंदरी हो गया। यह इलाका वनस्पतियों और जीवों से भरा हुआ है। यहां मिलने वाले कीमती खनिज पदार्थों के चलते 1944 में इसे औद्योगिक क्षेत्र के रूप में विकसित करने का प्रयास शुरू किया गया। 1945 में यहां सिंदरी केमिकल्स एंड फर्टिलाइजर कंपनी की स्थापना की गई। प्राकृतिक रूप से यह इलाका बेहद समृद्ध माना जाता है। सिंदरी में पांच दशक तक कम्युनिस्ट पार्टी का रहा एकक्षत्र राजसिंदरी के राजनीतिक इतिहास पर गौर करें तो पश्चिम बंगाल से सटे इस इलाके में भी कभी कम्युनिस्ट पार्टी का एकक्षत्र राज रहा है। वर्ष 1967 में सिंदरी के पहले विधायक दिग्गज वाम नेता एके राय बने। कामरेड राय सीपीएम के टिकट पर पहला चुनाव लड़ा और जीता। उसके बाद दूसरे एवं तीसरे चुनाव में भी एके राय जीते और जीत की हैट्रिक बनाई। एके राय के बाद आनंद महतो को मिली जीतवर्ष 1977 में सिंदरी विधानसभा सीट से मासस प्रत्याशी के रूप में आनंद महतो ने चुनाव लड़ा और जीत हासिल की। आनंद महतो इस सीट से चार बार विधायक बने। वहीं एक बार मासस के समर्थन से इस सीट से झामुमो के दिग्गज नेता और संस्थापक रहे बिनोद बिहारी महतो भी चुनाव लड़े और जीते। वर्ष 2000, 2005, 2014 और 2019 में यहां से भाजपा प्रत्याशी की जीत हुई। पिछले चार चुनावों से भले ही यहां से मासस नहीं जीत पाई हो। लेकिन, हर बार इस सीट से मासस का प्रत्याशी दूसरे स्थान पर रहे हैं। वर्ष 1967 से 2019 तक सिंदरी से निर्वाचित विधायक
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