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अखिलेश यादव के पोस्ट पर ब्रजेश पाठक का पलटवार, कह दी ये चुभने वाली बात

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अभय सिंह राठौड़, लखनऊ: समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव योगी सरकार पर निशाना साधने का कोई मौका नहीं छोड़ते हैं। सोशल मीडिया पर सपा मुखिया अखिलेश यादव ने एक वीडियो को पोस्ट कर प्रदेश के स्वास्थ्य महकमे को आड़े हाथों लिया है। इस पर स्वास्थ्य मंत्री एवं उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने पलटवार कर दिया है। ब्रजेश पाठक ने अखिलेश यादव के आरोप को बेबुनियाद बताया है।दरअसल, सपा मुखिया एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने शनिवार को एक वीडियो पोस्ट किया, जिसमें एक शख्स महिला को गोद में उठाकर अस्पताल में जाता हुआ नजर आ रहा है। अस्पताल परिसर में पानी भरा हुआ भी दिखाई दे रहा है। इस वीडियो को पोस्ट करते हुए अखिलेश ने लिखा कि उत्तर प्रदेश के गोंडा मेडिकल कॉलेज में बीमार मां के लिए स्ट्रेचर न मिला तो बेटे को उन्हें गोद में जलमग्न अस्पताल के अंदर ले जाना पड़ा। उन्होंने आगे लिखा कि भाजपा सरकार कुशासन के उदाहरणों की पोथी है। वहीं, सपा मुखिया के इस पोस्ट पर उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने पलटवार कर सफाई पेश कर दी है। अखिलेश यादव को दिया जवाबसूबे के स्वास्थ्य मंत्री एवं उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने सपा मुखिया को जवाब देते हुए लिखा कि अखिलेश जी, आप कृपया तथ्यों पर बात करा करें। स्वास्थ्य जैसे अति संवेदनशील मुद्दे पर आपका बयान बेबुनियाद है। ब्रजेश पाठक ने पोस्ट के जरिये बताया कि गोंडा मेडिकल कॉलेज के एक कथित वीडियो को आपने सोशल मीडिया पर अपलोड करने में लापरवाही बरती। प्रथम तथ्य तो यह है कि मरीज घनश्याम की मां नहीं, बल्कि धर्मपत्नी हैं। वे अपनी पत्नी का डायलिसिस कराने के लिए गोंडा मेडिकल कॉलेज पहुंचे थे। जहां उन्हें उचित सुविधाएं प्राप्त हुई हैं। ब्रजेश पाठक ने पीड़ित का वीडियो पोस्ट कियाउपमुख्यमंत्री ने बताया कि पहले सिर्फ लखनऊ और बड़े शहरों में डायलिसिस होती थी, लेकिन आज प्रदेश के सभी जनपदों में यह सुविधा उपलब्ध है। घनश्याम जी स्वयं इस बात को स्वीकार कर रहे हैं कि उन्होंने स्ट्रेचर की मांग नहीं की थी। ब्रजेश पाठक ने कहा कि आपको (अखिलेश) पुनः अपने कथनों पर विचार करना चाहिए। अपने पोस्ट में ब्रजेश पाठक ने उस शख्स का वीडियो बयान भी साझा किया है। घनश्याम ने बताया कि कल अपनी पत्नी का डायलिसिस कराने के लिए गोंडा गए थे। उन्होंने बताया कि बारिश हो रही थी इस वजह से स्ट्रेचर नहीं मांगा था। सुविधा में कोई कमी नहीं थी। पहले लखनऊ डायलिसिस कराने के लिए जाना पड़ता था, लेकिन अब गोंडा में ही डायलिसिस हो जाती है।
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