मुजफ्फरपुर: बिहार के मुजफ्फरपुर जिले से एक चौंका देने वाली खबर आई है। ध्यान रहे कि इन दिनों छोटे से छोटे प्रतिष्ठान पर गार्ड रखने का चलन बढ़ गया है। दुकान और प्रतिष्ठान की सुरक्षा के लिए हथियार सहित गार्ड रखने का चलन है। इस दौरान कई लोग अपना लाइसेंसी हथियार लेकर दुकान और प्रतिष्ठानों में नौकरी करते हैं। ये स्कीम इसी मामले से जुड़ा हुआ है। मुजफ्फरपुर पुलिस और पटना एसटीएफ की संयुक्त कार्रवाई में फर्जी लाइसेंस के आधार पर गार्ड की नौकरी देने का खुलासा हुआ है। फर्जी लाइसेंस का मामला फर्जी लाइसेंस के आधार पर गार्ड की नौकरी कर रहे तीन लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। इनके पास से तीन पिस्टल, गोलियां और अवैध लाइसेंस बरामद किया गया है। ये जानकारी देते हुए एसडीपीओ विनीता सिंह ने बताया कि इस मामले में पटना एसटीएफ से मिली सूचना के आधार पर ब्रह्मपुरा पुलिस ने आलोक कुमार मिश्रा उर्फ तंदुल मिश्रा को कब्जे में लेकर उनके आर्म्स लाइसेंस का सत्यापन कराया, जो फर्जी निकला। तीन आरोपी गिरफ्तारपुलिस ने बताया कि उसके आधार पर आर्म्स के साथ आरोपी को गिरफ्तार किया गया। इस मामले में ब्रह्मपुरा थाने में कांड संख्या 257 /24 दर्ज किया गया है। एसटीएफ से जानकारी मिलने के बाद पुलिस ने मुन्ना राय, जो शाहपुर भोजपुर का रहने वाला है। उसके अलावा धनंजय चौबे, जो कछुआ रोहतास का रहने वाला है। इनकी तलाशी ली गई। इनके हथियार के लाइसेंस भी फर्जी मिले हैं। जांच आगे बढ़ी पुलिस ने गिरफ्तार करने के बाद इन्हें न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया है। एसडीपीओ का कहना है कि फिलहाल पुलिस इस जांच में जुटी है कि किस तरह से अवैध रूप से फर्जी कागजात के आधार पर लाइसेंस देकर हथियार मुहैया कराया जा रहे हैं। उनका कहना था कि ये लोग अवैध रूप से लाइसेंस और हथियार लेकर निजी कंपनी से जुड़कर अंगरक्षक की नौकरी कर रहे थे।
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