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हरियाणा चुनाव के बीच उठा राम रहीम की परोल का मुद्दा, चुनाव आयोग ने सरकार के पाले में डाली गेंद, जानें ताजा अपडेट

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चंडीगढ़: डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम सिंह एक बार फिर सुर्खियों में हैं। चुनाव से पहले, हरियाणा के मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने राज्य सरकार को उनकी परोल पर रिहाई पर विचार करने की सलाह दी है। यह खबर राज्य में आगामी विधानसभा चुनावों के मद्देनजर काफी अहमियत रखती है। दरअसल बलात्कार और हत्या के मामलों में सजा काट रहे हैं राम रहीम ने आपातकालीन परोल के लिए अनुरोध किया था। हरियाणा के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) पंकज अग्रवाल ने इस अनुरोध पर अपनी सिफारिश राज्य सरकार को भेज दी है। उन्होंने कहा कि राज्य के अधिकारियों से रिपोर्ट मिलने के बाद, मैंने सिफारिश की है कि विभाग उन्हें रिहाई के लिए विचार कर सकता है। लेकिन यह इस शर्त पर होगा कि उन्होंने (डेरा प्रमुख) ने आपातकालीन परोल के लिए अपने अनुरोध में जो परिस्थितियां बताई हैं, वे सही हों। साथ ही, रिहाई के लिए शर्तें भी लागू होंगी। इससे पहले, सीईओ ने अधिकारियों से उन परिस्थितियों के बारे में स्पष्टीकरण मांगा था, जिनके तहत डेरा सच्चा सौदा (डीएसएस) प्रमुख गुरमीत राम रहीम सिंह की 20 दिनों के लिए अस्थायी रिहाई की आवश्यकता है। यह स्पष्टीकरण सीईओ द्वारा तब मांगा गया था जब हरियाणा के जेल अधिकारियों ने 5 अक्टूबर को होने वाले राज्य विधानसभा चुनावों के कारण आदर्श आचार संहिता लागू होने के मद्देनजर सीईओ से मंजूरी मांगी थी। अगस्त में मिली थी फरलोसूत्रों ने बताया कि मजबूर परिस्थितियों को स्पष्ट करते हुए अपनी रिपोर्ट में डेरा प्रमुख के पिता की पुण्यतिथि, रक्तदान शिविर आयोजित करने और डेरा गतिविधियों का उल्लेख किया है। बता दें कि 21 दिन की अस्थायी रिहाई पूरी होने पर 2 सितंबर को डेरा प्रमुख रोहतक की सुनारिया जेल लौटा था। उसके फिर से 20 दिनों के लिए रिहा करने का मौजूदा प्रस्ताव सीधे तौर पर विधानसभा चुनावों से जुड़ा हुआ माना जा रहा है। राज्य में बड़ी संख्या में अनुयायियों का दावा करने वाले डेरा प्रमुख 2014 से सत्तारूढ़ भाजपा का समर्थन करते रहे हैं। 255 दिन जेल से बाहर रहाराम रहीम को अगर यह 20 दिन की परोल मिल जाती है, तो वह पिछले चार वर्षों में कुल 275 दिनों के लिए जेल से बाहर रहा। बीजेपी पर डेरा प्रमुख का पक्ष लेने का भी आरोप लगता रहा है, क्योंकि अगस्त 2017 में बलात्कार के मामलों में उनकी पहली सजा के बाद से पिछले सात वर्षों से, उन्हें राज्य के अधिकारियों द्वारा लगभग 255 दिनों के लिए रिहा किया गया है। हालांकि, डेरा के प्रवक्ता ने 20 दिनों की अस्थायी रिहाई के लिए उनकी याचिका को वैधानिक प्रावधानों के दायरे में बताया है।
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