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Hernia Symptoms: इसे हल्का पेट दर्द न समझें, ये नरम गांठ हो सकती है हर्निया, Dr ने बताया कैसे करें इलाज

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हर्निया एक आम समस्या है, यह तब होती है जब पेट के अंदरूनी अंग किसी कमजोर जगह से बाहर निकल आते हैं। यह आमतौर पर पेट में होता है, लेकिन कभी-कभी यह अन्य स्थानों जैसे कि कमर, छाती या नाभि में भी हो सकता है।

डॉ. हितेंद्र शर्मा, सलाहकार - जनरल एंड लेप्रोस्कोपिक सर्जरी, मणिपाल अस्पताल, गाजियाबाद के अनुसार, हर्निया में शरीर के अंदर कोई आंतरिक अंग या टिश्यू किसी कमजोर हिस्से से बाहर की ओर फैलने लगता है। यह मुख्यतः दूसरे टिश्यू या पेशियों की ओर दबाव डालता है।

सबसे आम प्रकार के हर्निया हैं, इंग्विनल हर्निया, जो जांघों के बीच के हिस्से में होता है, अंबिलिकल हर्निया, जो नाभि के चारों ओर होता है और इंसिज़नल हर्निया, जो पिछली सर्जरी के चीरे से होता है। इसके अलावा हायटल हर्निया भी हो सकता है, जिसमें पेट का एक हिस्सा डायफ्राम से होते हुए छाती की कैविटी में फैल जाता है।
हर्निया के कारण image

हर्निया का सबसे आम कारण पेट की कैविटी में बढ़ा हुआ दबाव होता है। ज्यादा दबाव आम तौर से भारी काम करने, जैसे अत्यधिक भारी चीज उठाने, या फिर लंबी खांसी और मूत्र या मल त्याग करने के लिए अत्यधिक जोर लगाने के कारण होता है। कभी-कभी गर्भवती महिलाओं को भी यह हो सकता है। इसके अलावा, पेट पर दबाव बढ़ने का कारण पुराना कब्ज, मोटापा, और लगातार खांसी हो सकती है, जिसके परिणामस्वरूप हर्निया हो सकता है। इसके अलावा, उम्र बढ़ने, खराब पोषण और व्यायाम न करने से भी पेशियाँ और कनेक्टिव टिश्यू कमजोर हो जाते हैं, जिससे हर्निया हो सकता है।


हर्निया के लक्षण image
  • प्रभावित हिस्से में एक उभार या गांठ दिखाई दे सकती है। यह खड़े होने, खांसने या दबाव डालने पर और बड़ी हो सकती है।
  • हल्का या तेज दर्द, विशेष रूप से उभार पर दबाव डालने पर।
  • प्रभावित हिस्से में भारीपन या असुविधा महसूस होना
  • उभार के आसपास जलन हो सकती है।
  • प्रभावित हिस्से की मांसपेशियों में कमजोरी महसूस हो सकती है।

Hiatus Hernia के लक्षण और रोकथाम से जुड़ी पूरी जरूरी जानकारी, देखें वीडियो​ ​
हर्निया की जटिलताएं image

हर्निया अपने आप ठीक नहीं होते हैं। छोटे हर्निया कई सालों तक बने रह सकते हैं लेकिन समय के साथ वो बड़े हो सकते हैं। हर्निया बड़े होने के बाद बहुत बेचैनी, दर्द और गंभीर परेशानियां पैदा कर सकते हैं। ऐसी ही एक समस्या होने पर हर्निया से ग्रसित टिश्यू में खून की सप्लाई रुक जाती है, जिससे उस टिश्यू की मौत हो जाती है। इस तरह की हर्निया एक मेडिकल इमरजेंसी होती है और इसके लिए तुरंत सर्जरी किया जाना जरूरी होता है।


हर्निया का इलाज image

हर्निया का इलाज मुख्यतः सर्जरी द्वारा होता है। सर्जरी की तकनीकों में ओपन हर्निया रिपेयर शामिल है, जिसमें एक चीरा लगाकर हर्निया ग्रसित टिश्यू को वापस उसकी जगह धकेल दिया जाता है। इसके अलावा लैपरोस्कोपिक सर्जरी भी की जा सकती है, जो एक मिनिमली इन्वेज़िव सर्जरी है। इन दोनों सर्जरी में कमजोर हिस्से में एक जाली लगा दी जाती है ताकि टिश्यू वापस फैल न सके। अगर सर्जरी करना संभव न हो, तो जीवनशैली में सुधार, काउंसलिंग, और सपोर्टिव डिवाईस का उपयोग किया जा सकता है, लेकिन इनसे हर्निया ठीक नहीं होता है।


इस बात का रखें ध्यान image

हर्निया होना सामान्य है और ये कई कारणों से हो सकते हैं, लेकिन ये अपने आप ठीक नहीं होते हैं। इसलिए इनके कारण होने वाली परेशानी से बचने के लिए इन्हें समय पर पहचानना और इनका इलाज कराना जरूरी होता है। अगर हर्निया होने का जरा सा भी संदेह हो, तो जटिलताओं से बचने के लिए तुरंत डॉक्टर से बात करनी चाहिए और इलाज की रूपरेखा तैयार करनी चाहिए।

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