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क्या रेलवे का निजीकरण करेगी मोदी सरकार? अश्विनी वैष्णव ने कहा- पांच साल में बदलाव आ जाएगा

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भारतीय रेलवे समाचार: रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने अगले 5 वर्षों में भारतीय रेलवे के पूर्ण परिवर्तन के बारे में बात करते हुए कहा, ‘भारत में लोगों के लिए रेल यात्रा को सुरक्षित बनाने के अलावा, गति बढ़ाना सरकार का मुख्य उद्देश्य है। ट्रेनों का.’

रेल मंत्री ने क्या कहा?

महाराष्ट्र के नासिक में अश्विनी वैष्णव ने रेलवे के निजीकरण के मुद्दे पर कहा, ‘रेलवे के निजीकरण का कोई सवाल ही नहीं है. सुविधाएं बढ़ाने के लिए सरकार क्या कर रही है, क्योंकि सरकार आम जनता को बेहतर रेल सुविधाएं मुहैया कराने के लिए काम कर रही है. हमारा लक्ष्य है कि देश में आम लोग सिर्फ 400 रुपये में शानदार सुविधाओं के साथ 1000 किलोमीटर की रेल यात्रा कर सकें.

उन्होंने कहा कि वंदे भारत और नमो भारत जैसी ट्रेनों के जरिए शानदार सुविधाएं मुहैया कराई जाएंगी. इसके साथ ही अधिक से अधिक ट्रेनों में शील्ड जैसी सुरक्षा प्रणाली लगाई जाएगी.

रेलवे में निजीकरण?

रेलवे अब कुछ प्राइवेट ट्रेनें भी चला रहा है. इसके अलावा खानपान सेवाओं समेत कई सेवाओं पर निजी कंपनियों का दबदबा है। जिससे सवाल उठ रहे हैं कि क्या रेलवे का भी निजीकरण होगा? इस बारे में रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा, मैं रेलवे में निजीकरण की अफवाह फैलाने वालों से अनुरोध करता हूं कि वे याद रखें कि रेलवे और रक्षा भारत की दो रीढ़ हैं और इन्हें सभी प्रकार की राजनीति से बचाया जाना चाहिए। इस प्रकार रेलवे का ध्यान बेहतर प्रदर्शन, सुरक्षा, प्रौद्योगिकी के माध्यम से सभी को सस्ती सेवा प्रदान करना है।’

 

रेल मंत्री ने कहा, ‘रेलवे बजट 2.5 लाख करोड़ रुपये है और पिछले 10 साल में 30,000 किलोमीटर नई रेलवे लाइनें बिछाई गई हैं, जो फ्रांस के रेलवे नेटवर्क से भी ज्यादा है. हम इसे और भी तेजी से बढ़ाने पर काम कर रहे हैं।’

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